लखनऊ। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि के अवसर पर लालबाग स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर एवं माल्र्यापण करके अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर पूर्व पार्षद भैय्या जी, जिला प्रशासन के अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल गंगाधर तिलक विद्वान के साथ गणित और ज्योतिष ज्ञान के मर्मज्ञ भी थे। उन्होंने रंगून जेल में ‘गीता रहस्य’ पुस्तक लिखी। देश की आजादी के आन्दोलन के लिये उन्होंने जो कार्य किये उसके कारण अंग्रेज शासक उन्हें असंतोष के जनक मानते थे। लोकमान्य ने देश की आजादी के लिये कई प्रकार के कार्य किये। उन्होंने ‘मराठा‘ और ‘केसरी‘ समाचार पत्रों के माध्यम से देशभक्ति के विचार लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया। उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिये अनेक शिक्षण संस्थाएं भी स्थापित की तथा देशभक्ति की शिक्षा ऐसे संस्थानों के माध्यम से दी।
श्री नाईक ने कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने लोगों को विचारों से जोड़ने के लिये सार्वजनिक गणेशोत्सव एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती का आयोजन कर देश प्रेम की भावना को जागृत करने का सफल प्रयास किया। उन्होंने आगे कहा कि समाज में महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों की रक्षा करके स्वराज्य को सुराज में परिवर्तित करने का कार्य हम सब मिलकर करें। राज्यपाल ने यह भी कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने महापुरूषों के विचारों और जीवन दर्शन और उनके आदर्शों के अनुरूप चलकर देश एवं समाज के निर्माण में व्यवाहारिक रूप से योगदान करने का संकल्प लें।
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