मलेशिया के सुल्तान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है. शाही अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. सुल्तान मोहम्मद पंचम के इस्तीफे की घोषणा से कई सप्ताह से चल रही उन अटकलों पर विराम लग गया है जो उनके चिकित्सीय अवकाश पर जाने के बाद से लगाई जा रही थीं.
ब्रिटेन से 1957 में आजादी मिलने के बाद मुस्लिम बहुल वाले देश में यह किसी सुल्तान का पद से इस्तीफा देने का पहला मामला है. गौरतलब है कि शाह ने नवंबर के शुरूआत में दो माह की छुट्टी ली थी जिसके बाद अफवाहें फैलने लगीं थीं कि उन्होंने रूस की एक पूर्व ब्यूटी क्वीन से विवाह कर लिया है.
रॉयल हाउसहोल्ड के नियंत्रक वान अहमद दहलान अब्दुल अजीज के हस्ताक्षर वाले एक बयान में कहा गया, ‘‘शाह मलेशिया की जनता से कहते हैं कि एकता, सहनशीलता और मिल कर काम करने के लिए एकजुट रहें.’’ इसमें यह नहीं बताया गया कि 49 वर्षीय शाह ने पद से इस्तीफा क्यों दिया?
उल्लेखनीय है कि सुल्तान मोहम्मद पंचम दिसंबर, 2016 में गद्दी पर बैठे थे. नवंबर में मेडिकल उपचार के लिए छुट्टी पर जाने के बाद उनके बारे में कयास लगाए जाने लगे थे. सोशल मीडिया पर इस तरह की रिपोर्ट्स आई थीं कि उन्होंने रूस की पूर्व मिस मॉस्को से शादी कर ली है. लेकिन इस कथित शादी के बारे में शाही अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की. सुल्तान के स्वास्थ्य के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई.
हालांकि मलेशिया की शासन व्यवस्था में सुल्तान की भूमिका रस्मी होती है लेकिन इस्लामिक राजशाही को खासकर मुस्लिम मलय समाज में बेहद इज्जत की नजरों से देखा जाता है. इस कारण उनकी किसी भी तरह की आलोचना सार्वजनिक रूप से वर्जित है.
दरअसल लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से दूर सुल्तान के भविष्य के बारे में कयास इस हफ्ते उस वक्त जोर पकड़ने लगे जब देश के इस्लामिक रॉयल्स ने इस बारे में विशेष बैठक बुलाई.
संवैधानिक राजशाही
मलेशिया में संवैधानिक राजशाही है. इसके तहत एक खास व्यवस्था की गई है जिसमें मलेशिया के नौ राज्यों के शासकों में से किसी को पांच साल के लिए देश का सुल्तान चुना जाता है. सदियों पुरानी इस्लामिक राजशाही के तहत हर पांच साल में देश का सिंहासन एक राजा के बाद दूसरे के पास चला जाता है. 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से ये दस्तूर जारी है और हर पांच साल में शासक बदल जाता है. इस चक्रीय राजशाही व्यवस्था में सुल्तान मोहम्मद पंचम अपना पद छोड़ने वाले पहले सुल्तान हैं.
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