इंडोनेशिया में पिछले दिनों आई सुनामी का खतरा अब भी बरकरार है. यहां जिस अनाक क्राकाटोआ या ‘क्राकाटोआ का बच्चा’ ज्वालामुखी के फटने से सुनामी आई थी, वो अब भी सक्रिय है. इस ज्वालामुखी से लगातार बड़ी मात्रा में राख निकल रही है. इसके चलते यहां के प्रशासन ने ज्वालामुखी के 5 किमी के दायरे में किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही जावा और सुमात्रा के बीच उड़ान भरने वाली सभी फ्लाइटों का रूट भी बदल दिया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यहां सुनामी की लहरें एक बार फिर अपना कहर बरपा सकती है.

अधिकारियों के मुताबिक ज्वालामुखी से निकलने वाली राख के साथ गर्म और जहरीली गैसें वातावरण में उत्सर्जित हो रही हैं. साथ ही उनका कहना है कि इस समय ज्वालामुखी से जिस तरह की राख उत्सर्जित हो रही है. उसकी प्रकृति पहले से भिन्न है.
दोबारा सुनामी की आशंका को देखते हुए यहां के प्रशासन ने ताजा अलर्ट भी जारी किया है. इंडोनेशिया ने उस ज्वालामुखी से उत्पन्न खतरे के प्रति लोगों को फिर से आगाह किया है जिसके फटने के बाद प्रचंड सुनामी आई थी. सरकार ने इस ज्वालामुखी को लेकर गुरुवार को खतरे का स्तर बढ़ा दिया. इससे पहले ज्वालामुखी के सक्रिय होने से एक बार फिर सुनामी आने की चेतावनी जारी की गई थी.
अधिकारियों ने अनाक क्राकाटोआ के आसपास ना जाने के दो किलोमीटर के क्षेत्र को बढ़ाकर पांच किलोमीटर तक कर दिया. उन्होंने निवासियों को तट से दूर रहने के लिए कहा है. यह चेतावनी शनिवार रात को आई जानलेवा सुनामी में 400 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद जारी की गई है.
विमानन अधिकारियों ने विमानों की दिशा परिवर्तित करने के आदेश दिए हैं. क्राकाटोआ ऑब्जर्वेटरी में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने आज सुबह से ज्वालामुखी से खतरे का अलर्ट बढ़ा दिया है क्योंकि ज्वालामुखी में विस्फोट की प्रवृत्ति में बदलाव आया है.’’
इस चेतावनी से पहले से ही डरे स्थानीय निवासियों में नया डर बैठ गया है और उन्होंने फिर से सुनामी आने की आशंका को लेकर अपने घरों की ओर लौटने से इनकार कर दिया है. पिछले हफ्ते आई सुनामी में कम से कम 430 लोगों की मौत हो गई थी, 1495 लोग घायल हो गए थे और 159 अन्य लापता हैं. करीब 22,000 लोग विस्थापित हो गए हैं और शिविरों में रह रहे हैं.
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