नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वन चाइना पॉलिसी पर सवाल उठाने वाले पलटी मारी है। ट्रंप ने जिनपिंग से कहा कि अमेरिका वन चाइना पॉलिसी का सम्मान करेगा।
इससे पहले ट्रंप ने व्यापार पर चीन से कोई रियायत नहीं मिलने की स्थिति में वन चाइना पॉलिसी की निरंतरता की प्रासंगिकता पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यह कम्युनिस्ट देश उन पर हुक्म नहीं चला सकता है।
जिस पर चीनी विश्लेषकों ने ट्रंप के बयान को बचकाना करार दिया था और कहा था कि वह द्विपक्षीय संबंधों पर सतही ज्ञान होने की वजह से ऐसा बयान दे रहे हैं।
अमेरिका ने 1979 से ही ताईवान पर चीन के रूख का सम्मान किया है, जिसे चीन अपने से अलग हुआ प्रांत मानता है। लेकिन ट्रंप ने कहा कि चीन से रियायत नहीं मिलने पर उन्हें यह नजर नहीं आता कि इसे जारी क्यों रखा जाए।
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा था, मैं वन चाइना पॉलिसी पूरी तरह समझता हूं। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि यदि हम व्यापार समेत अन्य चीजें करने के लिए चीन के साथ सौदा नहीं कर पाते है तो हम वन चाइना पॉलिसी से क्यों बंधे हैं।
उन्होंने कहा, दक्षिण चीन सागर के मध्य में विशाल किला बनाकर तथा अवमूल्यन एवं सीमा पर हमारे ऊपर भारी कर लगाकर चीन हम पर बुरी तरह चोट पहुंचा रहा है जबकि हम उन पर कर नहीं लगाते। चीन को ऐसा नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, स्पष्ट कहूं तो वह उत्तर कोरिया मामले में हमारी मदद नहीं कर रहा। आप उत्तर कोरिया के समीप हैं, आपके पास परमाणु हथियार हैं और चीन उस समस्या का हल कर सकता था। वह हमारी बिल्कुल मदद नहीं कर रहा। अतएव मैं नहीं चाहता कि चीन मुझ पर हुक्म चलाए।
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