छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा जगत को भारी आर्थिक नुकसान होगा। सत्र-2016-17 में बीई (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) में कम एडमिशन के कारण 206 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होना तय माना जा रहा है। सबसे ज्यादा 2 अरब 3 करोड़ 20 लाख रुपए से अधिक का नुकसान निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को होगा। जबकि सीएसवीटीयू यूनिवर्सिटी को 3 करोड़ से अधिक का नुकसान होना तय है।
बीई की कुल करीब 16 हजार 200 सीटें हैं। इनमें करीब 17 सौ सीटें मैनेजमेंट कोटा (एमक्यू) हैं। डीटीई, रायपुर द्वारा पीईटी व जेईई कोटे से 14 हजार 495 सीटों पर काउंसलिंग की गई। इसमें 5930 सीटों ही भरीं। अब खाली 10 हजार 270 सीटों में से करीब 17 सौ को एमक्यू व अन्य को आईएल (इंस्टीट्यूट लेवल) काउंसलिंग से भरने का प्रयास होगा। जानकारों के अनुसार आईएल व एमक्यू में एडमिशन से अधिकतम ढाई हजार सीटें ही भर पाएंगी।
पिछले साल के आंकड़े भी यही कहते हैं। ऐसे में इस सत्र में आठ हजार से अध्ािक सीटें खाली रहेंगी। इन खाली सीटों के एवज में शिक्षा जगत कोई आय नहीं होगी। इससे ही शिक्षा जगत को 206 करोड़ से अधिक रुपए का नुकसान का अनुमान है। ध्यान रहे कि नुकसान का आंकड़ा बीई कोर्स में ली जाने वाली जरूरी फीस के आधार पर न्यूनतम में ही निकाला गया है।