नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से मॉनसून सत्र में जीएसटी बिल पारित कराने में मदद करने की अपील करते हुए सभी राजनीतिक दलों से आपसी मतभेदों से ऊपर उठने को कहा है। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत कई उच्च नेता उपस्थित रहे। बैठक में पीएम ने कहा कि ‘‘जीएसटी का राष्ट्रीय महत्व है। यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसका सरकार श्रेय लेना चाहेगी। मैं आशा करता हूं कि सार्थक संवाद के जरिए जीएसटी समेत महत्वपूर्ण बिल मॉनसून सत्र में पारित हो जाएं।’’ संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार की ओर से संसद परिसर में बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर एक स्वर में बोलने के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार संसद का मॉनसून सत्र कल से शुरू होगा। इस बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि ‘‘जब तक केंद्र और राज्यों के बीच अविश्वास का माहौल है तो बात आगे कैसे बढ़ सकती है।’’ कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ‘‘हम सरकार से जीएसटी बिल पर पुख्ता प्रस्ताव चाहते हैं। यदि हमें बताया जाए कि सरकार तीन विवाद के मुद्दों को लेकर क्या कर रही है, तो हम अपना विरोध वापस ले लेंगे।’’ जीएसटी बिल स्वतंत्र भारत में कर सुधार कानून के लिए लाया गया पहला ऐसा प्रस्ताव है जो देश की राजस्व व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन कर देगा। यह देश के 29 राज्यों में केंद्रीय कर प्रणाली और लेवी की मौजूदा व्यवस्था की जगह लेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल कहा था कि सरकार बिल को लेकर कांग्रेस की असहमति को दूर करने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को जेटली ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से इस बिल को लेकर मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के हालात के बाद पाकिस्तान की हरकतों को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर उसकी पाक नीति को लेकर निशाना साध रहा है। साथ ही गैर बीजेपी शासित राज्यों को कथित तौर पर अस्थिर करने के मामले पर भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। इस सत्र में सरकार की कोशिश कई लंबित बिलों को पास कराने की है जबकि विपक्ष उसे घेरने को तैयार है। सरकार के एजेंडे पर सबसे अहम जीएसटी बिल है जिसे वह जल्द से जल्द राज्यसभा में पास कराना चाहती है।
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