लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में दलितों और व्यापारियों पर अत्याचार का सिलसिला बढ़ता जा रहा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कुशासन व भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता को गुमराह करने के लिए मंच से लगातार झूठ फैला रहे हैं।
सरकारी संसाधनों की लूट, कमीशनखोरी और खैरात बांटने वाली हवाहवाई योजनाओं का ऐलान करने वाले मुख्यमंत्री की प्रवृति व कार्यशैली इस प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप है।
उन्होंने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में अखिलेश यादव से सवाल किया कि अखिलेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद चलाने की खुलेआम छूट क्यों दी थी?
लोक सेवा आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग जैसी तमाम भर्ती संस्थाओं के अध्यक्षों की नियुक्ति में योग्यता को दरकिनार कर भाई-भतीजावाद क्यों चलाया गया और इन आयोगों की भर्तियों में भ्रष्टाचार कर प्रदेश के योग्य व काबिल युवाओं को नौकरी से क्यों वंचित रखा गया?
ग्राम विकास अधिकारी व अन्य पदों के लिए की गई भर्तियों में जाति विशेष के अभ्यर्थियों का चयन होना क्या अखिलेश सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का सूचक नहीं है? अखिलेश सरकार को बताना होगा कि भ्रष्टाचार के कारण सरकारी नौकरियों में ‘जुगाड़’ से विशेष अभ्यर्थियों के चयन से हताश व निराश प्रदेश केशिक्षित व योग्य अभ्यर्थियों के साथ हुए अन्याय पर उनकी चुप्पी क्यों है?
मौर्य ने अखिलेश यादव से प्रश्न किया कि प्रदेश के लोगों को बिजली नहीं मिल रही है। शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज, जहां प्रदेश भर से लोग इलाज के लिए आते हैं, तक में चिकित्सा सुविधाओं का अकाल है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लोग दवा व इलाज के अभाव में मर रहे हैं।
रोजाना सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं, आक्सीजन सिलेंडरों की कमी से मरीजों के परेशान होने की खबरें आ रही हैं। लेकिन अखिलेश सरकार केवल अपनी सत्ता की चिंता में नाटक करती रही और लोगों का ध्यान समस्याओं से हटाने की कोशिश करती रही। सरकार की नाकामियों से त्रस्त जनता की परेशानी दूर करने के लिए अखिलेश ने पूरे कार्यकाल में कदम क्यों नहीं उठाए?