भारतीय ज्योतिष में बुध सात्विक गुणों वाला कहा गया है। मिथुन व कन्या दो राशियों के ये स्वामी हैं। जून माह में पैदा होने वाले जातकों पर बुध ग्रह और इसकी प्रथम राशि मिथुन का असर रहता है।
सूर्य, शुक्र व राहु इसके मित्र और चंद्रमा इनके शत्रु हैं। इनका शुभ रत्न पन्ना, धातु स्वर्ण व कांसी और प्रिय रंग हरा है। जिस दिशा में धनाध्यक्ष कुबेर वास करते हैं, उसी उत्तर दिशा के ये स्वामी हैं।
तुरंत निर्णय लेने की क्षमता
जून में जन्मे जातक धुन के पक्के और ज्यादातार मामलों में अपना निर्णय खुद करने में यकीन करते हैं। इनमें तुरंत निर्णय लेने की भी अद्भुत क्षमता होती है। उग्र भावना और लोगों से जल्द व्यवहार न बना पाने के कारण ये जातक लड़ाई-झगड़े में तनिक भी देर नहीं लगाते।
अपने अंतर्मन में बहुत सी बातें छिपा कर रखते हैं। कम बात करने से लोग इन्हें घुन्ना भी मानते हैं लेकिन ये दिल के बेहद साफ होते हैं।
हर माहौल में ढलने वाले
ऐसे जातक खूब नाम कमाते हैं लेकिन लोगों में जल्दी घुलते-मिलते नहीं है। ये फिजूलखर्ची के कारण आर्थिक मंदी का भी सामना करते हैं। ये हर माहौल में ढलने वाले होते हैं। लोगों से अपना काम करवाने में माहिर होते हैं। इनकी सब कुछ पाने की इच्छा होती है, जिसमें ये सफल भी होते हैं।
व्यवसाय और भविष्य
इन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति के अनुसार वाणी में तोतलेपन की समस्या हो सकती है। धन का प्रबंध करने की कला भी ये प्रवीण होते हैं। लिहाजा रोकड़िया, कोषपाल, वित्त मंत्रालय आदि में ये अच्छे व्यवस्थापक साबित होते हैं।
इस माह पैदा होने वाले जातक रेडियो, टीवी, भाषा सम्बंधी कार्य, फिल्म निर्माण, नेतागिरी, शास्त्र अध्ययन-अध्यापन, कथावाचक, ज्योतिष, व्यापार, आयुर्वेद आदि के क्षेत्र में सफलता पाते हैं।
रोग और उपाय
बुध यदि इनकी कुंडली में विपरीत परिणाम दे रहा हो तो इन्हें नसों से सम्बंधी रोग, तुतलाहट, कंधे में चोट आदि की परेशानी हो सकती है। ऐसे में मूंग, खांड, हरावस्त्र, घी और कपूर का दान करें। बुध के मंत्र ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का सूर्यास्त से पूर्व जाप करें या करवाएं।
बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना कर हरा-नारियल व दूब चढ़ाएं। बुधवार को ही कुंवारे गरीब बच्चों को भोजन कराना भी शुभ और फलदायी माना गया है।
– पं. नंदकिशोर शर्मा