लखनऊ। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने निलंबन मामले में फर्जी अभिलेख बनाने के लिए पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा सहित अन्य अफसरों खिलाफ सीजेएम लखनऊ की अदालत में मुकदमा दायर किया था। गुरूवार को इस वाद में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) संध्या श्रीवास्तव ने थाना हजरतगंज से 12 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है।
इससे पूर्व अमिताभ ने थाना हजरतगंज और एसएसपी लखनऊ को प्रार्थनापत्र दियाथा लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। इस वाद में शासन और डीजीपी कार्यालय के अभिलेखों के आधार पर यह कहा गया है कि इन अफसरों ने आपराधिक षडयंत्र करके फर्जी तरीके से 10 दिसंबर 2015 के कहे जाने वाले कई सारे अभिलेख तैयार किये। इस अभिलेख के आधार पर उन्हें 180 दिन और अधिक निलंबित किये जाने के आदेश बनाए। शिकायत के अनुसार, इन अफसरों ने यही बात 01 अप्रैल 2016 से 95 दिन के लिए उनका निलंबन बढ़ाने के मामले में भी किया है।
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