लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के समय आईएसआईएस आतंकियों की ओर से राज्य के तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों अयोध्या काशी और मथुरा में बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देकर समूचे देश में एकबारगी दिल दहला देने की योजना थी।
हालांकि आईएसआईएस आतंकियों की इस योजना को अंजाम देने के पहले ही आईबी के सूत्रों ने खुलासा कर आईएसआईएस के कई आतंकियों को पकड़ने में कामयाबी पा ली है। पर आईएसआईएस के भविष्य में किसी भी मंसूबे को नाकाम करने के लिए तीनों तीर्थस्थलों समेत पूरे प्रदेश में हाईएलर्ट कर दिया गया है। सभी सुरक्षा एजेंसियों को मुस्तैद रहने का निर्देश जारी किया गया है।
आईएस की प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दौरान ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना थी किन्तु संवेदनशील स्थानों पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी जिसके कारण ऐसी किसी भी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सका। पर अब जबकि चुनाव का आखिरी चरण सम्पन्न होने जा रहा है, ऐसी स्थिति में थके हारे सुरक्षा कर्मियों के सुस्त होने की स्थिति का फायदा उठाकर आतंकी घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई। इसके तहत देश को दहलाने वाली घटना को अंजाम देने की साजिश रची गई। इसके लिए आईएसआईएस के आत्मघाती दहशतगर्द एक साथ कई स्थानों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में
लखनऊ,कानपुर व प्रदेश के अन्य स्थानों समेत कई शहरों में अपना ठिकाना बनाकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए फैले हुए थे। ऐसे आईएसआईएस के दहशतगर्द आपस में गोपनीय तरीके से एक दूसरे से सम्पर्क में थे। ऐसे सभी आईएसआईएस के लोगों की कोशिश होती थी कि किसी को उन पर किसी प्रकार से शक नहीं होने पाए। शक होने की स्थिति आने से पहले ही स्थान बदलने की योजना को तैयार करते थे ताकि इनके छिपने की जगह आवश्यकता पड़ने परतत्काल मिल जाए।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नजर आतंकी गतिविधियों से हर तरह से निपटने की हँ ताकि रणनीति को कम से कम समय में आतंकी घटनाओं को बेअसर किया जा सके । इन स्थितियों में आतंकी गतिविधियों में लिप्त और इनके मंसूबों को विफल करने वाली एजेंसियों के बीच लगातार कश्मकश जारी रहती है। ज्यादातर मामलों में अब सुरक्षा एजेंसियों के बिछाए जाल से आतंकी घटनाओं को होने से बचा लिया जाता है। कुछ ऐसा ही मंगलवार की आतंकी घटना के बारे में हुआ है।