लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठने के प्रयास में आज से विभागीय जाँच शुरू कर दी है। अमिताभ के खिलाफ जाँच के लिए डीजी टेलिकॉम एके द्विवेदी को जाँच अधिकारी नामित किया है। यह ताजा जानकारी अमिताभ की पत्नी डॉ.नूतन ठाकुर ने दी।
उल्लेखनीय है कि 13 जुलाई 2015 को अमिताभ ठाकुर के निलंबन के बाद उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के 16 आरोपों के साथ प्रारंभ की गयी विभागीय कार्यवाही अभी तक लंबित है। शासन की तरफ से अमिताभ को दिए आरोपपत्र में कहा गया है कि उन्होंने धारा 144 के बावजूद बहाल होने के लिए अनुचित दवाब बनाने के लिए कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाया। इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता की, जो अखिल भारतीय सेवा अनुशासन और अपील नियमावली के नियम 03, 06, 07 और 16 का उल्लंघन है। डॉ.नूतन ने बताया कि अमिताभ ने आरोप पत्र को राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित बताते हुए अपना जवाब देने के लिए कुछ अभिलेख मांगे थे। शासन ने उन्हें अभिलेख देने से मना करते हुए उन पर कैट और उच्च न्यायालय में लगातार वाद दायर करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जाँच के लिए डीजी टेलिकॉम एकेडी द्विवेदी को जाँच अधिकारी नामित किया है।