रियो डि जनेरियो। रियो पैरालंपिक में भारत के लिए एक चौंकाने वाली घटना घटी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस इवेंट में देवेंद्र झाझरिया ने गोल्ड जीता, उसमें सुंदर सिंह गुर्जर भी मेडल के दावेदार थे। पर एक मिनट 20 सेकंड देर से पहुंचने के कारण वे डिसक्वालिफाई कर दिए गए। पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने मामले की जांच की बात कही है।इस बारे में पीसीआई के ट्रेजरर धीरज उपाध्याय ने बताया कि सुंदर सिंह इवेंट से पहले सभी खिलाड़ियों के साथ वॉर्मअप कर रहे थे। नाम पुकारे जानें पर सुंदर सिंह के अलावा सभी टाइम पर पहुंचे। शायद वॉर्मअप पर उनका ध्यान ज्यादा रहा और वे नाम नहीं सुन पाए। सुंदर के जीजा शेर सिंह खटाना ने सुंदर के खिलाफ साजिश होने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि सुंदर जब वॉर्मअप के बाद कॉलरूम में लौट रहे थे, तब उन्हें किसी ने माला पहनाई। उसकी महक से वे कुछ पल के लिए होश खो बैठे और उन्हें देर हो गई। वहीं दूसरी ओर, सुंदर के भाई ने दावा किया कि अंग्रेजी नहीं समझ पाने की वजह से ऐसा हुआ। बता दें कि ऑर्गनाइजर्स ने उन ज्यादातर खिलाड़ियों को ट्रांसलेटर मुहैया कराए थे जो अंग्रेजी नहीं समझते। लेकिन सुंदर के पास कोई ट्रांसलेटर नहीं था।
सुंदर ने झाझरिया पर लगाया था आरोप
2 अगस्त, 2016 को शेर सिंह खटाना ने आरोप लगाया था कि झाझरिया सुंदर को डोप टेस्ट में फंसाने के लिए साजिश रच रहे हैं। उन्हें जूस या खाने में प्रतिबंधित पदार्थ दिया जा सकता है। इस मामले के बाद सुंदर ने कहा कि अब जो हो गया वह हो गया। अगले साल ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप है। मैं उसमें खुद को साबित कर दूंगा। मुझे दुख है कि मैं बिना मेडल के ही वापस आऊंगा।