भोपाल/इंदौर। रविवार, 7 अगस्त को राजधानी भोपाल, इंदौर समेत प्रदेशभर में नाग को दूध पिला दो की गूंज कम ही सुनाई देगी। प्रशासन की सख्ती के कारण बड़ी कम संख्या में सपेरे सांप को लेकर दूध पिलवाने के लिए निकलेंगे। जिला प्रशासन, पुलिस व वन विभाग की टीम द्वारा शहर में सांप को दूध पिलाने के लिए निकलने वाले सपेरों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। जिसके डर के कारण कई सपेरे इस बार सांपों को पिटारी में लेकर घूमने से बच रहे है और कुछ ने तो यह काम छोडक़र अन्य कामकाज शुरू कर दिया है। नागपंचमी पर परंपरा के अनुसार सांप को दूध पिलाने के साथ ही महिलाओं द्वारा सर्प का पूजन-अर्चन किया जाता है। पंडितों के अनुसार इस बार तीन योग में नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है जो बेहद फलदायी रहेगा। अमृत, सिद्धि और सर्वार्थ योग बनने से नागपंचमी फलदायी हो गई है। महिलाओं द्वारा घर-घर सांप का पूजन दूध पिलाए जाने की वर्षों पुरानी परंपरा चली आ रही है। घरों में तवा भी नहीं चढ़ता है और दाल-बाटी जैसे व्यंजन ही बनाए जाते है, परंतु इस बार प्रशासन वन विभाग की सख्ती फिर नजर आएगी। जिसके कारण हमेशा की तरह सांप को दूध पिला दो वाली गूंज गली,मोहल्लों व कॉलोनियों में कम ही सुनाई देगी। जिला प्रशासन, पुलिस व वन विभाग की टीम सुबह से ही सपेरों को पकडऩे के लिए निकलेगी। जिसके कारण कई सपेरों में प्रशासन की कार्रवाई का भय बना हुआ है और उन्होंने इस बार सांप को लेकर घूमने से साफ इंकार कर दिया है। कुछ ने तो अन्य कामकाज शुरू करने के कारण सांप को लेकर घूमने की परंपरा ही बंद कर दी है जिसके कारण महिलाओं को बाम्बी पूजन भी करना पड़ सकता है।