पब्लिक प्रोविडंट फंड यानी पीपीएफ लंबी अवधि का एक लोकप्रिय निवेश विकल्प होता है जो कि कई मायनों में खास है। यह न सिर्फ सुरक्षित निवेश माना जाता है बल्कि इसमें बेहतर ब्याज भी मिलता है। साथ ही इसमें किया जाने वाला पूरा निवेश टैक्स फ्री होता है।
इसमें जमा राशि पर सब्सक्राइबर्स को एक निश्चित अवधि बाद लोन लेने की सुविधा भी मिलती है। साथ ही सब्सक्राइबर्स अपने खाते की मैच्योरिटी की अवधि को बढ़वा भी सकता है। भारत का स्थायी निवासी और माइनर के लिए उनके अभिभावक पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। पीपीएफ में आप सालाना एक लंप-सम अमाउंट या फिर हर महीने एक निश्चित अमाउंट का निवेश कर सकते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको इससे जुड़ी बड़ी बातें बता रहे हैं जिन्हें जानना हर सब्सक्राइबर के लिए जरूरी है।
पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज: पीपीएफ अकाउंट पर सालाना आधार पर 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। यह बैंक से सेविंग अकाउंट से काफी ज्यादा है। छोटी बचत योजनाओं जैसे कि पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा हर तिमाही सरकार की ओर से की जाती है। पीपीएफ खाते पर मिलने वाले ब्याज को हर साल 31 मार्च को खाते में जमा करवा दिया जाता है।
पीपीएफ में निवेश पर नहीं लगता है टैक्स: जानकारी के लिए बता दें कि PPF का निवेश EEE यानी एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट कैटेगरी में टैक्स फ्री होता है। यानी निवेश की गई रकम कर मुक्त आय की श्रेणी में जाएगी। मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होगा और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होगी।
पीपीएफ पर आप पा सकते हैं लोन: एक पीपीएफ अकाउंट होल्डर खाता खोले जाने वाले वित्त वर्ष के बाद के तीसरे वित्त वर्ष के दौरान लोन सुविधा का फायदा उठा सकता है। PPF खाताधारक दो साल पहले के अकाउंट बैलेंस का 25 फीसदी अमाउंट तक का लोन ले सकता है। इस लोन पर PPF पर मौजूदा ब्याज दर से 2 फीसदी अतिरिक्त ब्याज लगाया जाता है। वहीं यह लोन अगले 36 महीनों के भीतर चुकाना होता है।
मैच्योरिटी से पहले बंद करवा सकते हैं खाता: आप अपने पीपीएफ खातों को मैच्योरिटी से पहले भी बंद करवा सकते हैं। वैसे तो सामान्य मामलों में 15 साल से पहले एक पीपीएफ खाते का समयपूर्व बंद होने की अनुमति नहीं है, हालांकि, कुछ स्थियों में आप ऐसा कर सकते हैं जैसे कि गंभीर बीमारी, बच्चे की पढ़ाई आदि। इसमें ब्याज का भुगतान करते समय 1 फीसदी की पेनल्टी लगाई जाती है।
निवेश की सीमा: एक सब्सक्राइबर एक वित्त वर्ष के दौरान अपने खाते में 1.50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा नहीं करवा सकता है। वहीं इसमें एक साल में न्यूनतम 500 रुपये जमा करवाने ही होते हैं। पीपीएप खाते को आप बैंक ब्रांच या पोस्ट ऑफिस में खुलव सकते हैं, इसमें नॉमिनेशन की सुविधा भी मिलती है।