लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मिशन 2017 को कामयाब बनाने के लिए कांग्रेस ने बिहार की तर्ज पर यहां भी छोटे दलों को एकजुट कर महागठबंधन बनाने की फिराक में है। बशर्ते यहां पर स्थिति थोड़ी भिन्न होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सपा,बसपा और भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनायेगी। वहीं इन दलों से बाहर किये गये नेताओं को भी अपनाने से कांग्रेस गुरेज नहीं करेगी। वहीं बसपा के बागी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और आर.के. चैधरी पर भी कांग्रेस की निगाहें हैं। इन नेताओं में आर.के.चैधरी का झुकाव कांग्रेस की ओर तो स्वामी प्रसाद मौर्या का झुकाव भाजपा की तरफ है। प्रशान्त किशोर ने अपनी टीम के लोगों से कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पार्टियों से जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं या बाहर किये जा रहे हैं। ऐेसे लोगों से तुरन्त सम्पर्क को कहा गया है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बसपा के बागी नेता आर.के.चैधरी ने 26 जुलाई को होने वाली लखनऊ की रैली में बाकायदा मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को आमंत्रित किया है। वहीं चैधरी ने प्रशान्त किशोर से बात होने की हामी भरी है। गौरतलब हो कि प्रशान्त किशोर बिहार सरकार के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को भी उनसे उम्मीद है कि वह जदयू व कांग्रेस के नेतृत्व में छोटे दलों की अगुवाई करें। रालोद,पीस पाटी, महान दल और अपना दल की कृष्णा पटेल किसी भी पार्टी से गठबंधन की आस में हैं।
इन पार्टियों को एकजुट करेगी कांग्रेस –
रालोद, जदयू ,पीस पार्टी, राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल, राष्ट्रीय क्रन्तिकारी समाजवादी पार्टी, इन्सान राज पार्टी, भारतीय प्रजातंत्र निर्माण पार्टी, नया दौर पार्टी, देश भक्ति निर्माण पार्टी, इन्साफवादी महाज, वतन जनता पार्टी, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी, पिछड़ा जन समाज पार्टी, स्वर्ण समाज पार्टी और वंचित समाज इन्साफ पार्टी।