लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में 70 फीसदी से अधिक छात्र कमजोर अंग्रेजी के कारण नौकरी पाने से वंचित है। विवि की आरे से पिछले साल छात्रों के प्लेसमेंट के लिए लगाए गए सेंट्रल प्लेसमेंट फेयर में बेहतर अंग्रेजी वाले छात्रों तुरंत रोजगार मिल गया। पर वहीं दूसरी ओर कमजोर अंग्रेजी वाले छात्र वंचित रहे। विश्वविद्यालय की लाख कोशिशों के बाद भी इस साल कालेजों ने इसे ठीक नहीं किया।
विश्वविद्यालय की गाइडलाइन नहीं फालो कर रहे कॉलेज
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते दिनों नोएडा परिसर में सभी कॉलेजों के बैठक में छात्रों को इंग्लिश सुधारने के लिए स्पेशल कक्षाएं शुरू करने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय की ओर से यह आदेश पहले भी जारी किया गया था, पर कॉलेजों ने इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा यही इंग्लिश कमजोर होने के कारण छात्रों को इस साल भी रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में रोजगार नहीं होने से प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इस साल भी कॉलेजों में सीटें नहीं भरने से ज्यादातर कॉलेज मैनेजमेंट परेशान है। सीटें खाली होने के कारण 50 फीसदी से ज्यादा कॉलेजों को आर्थिक तौर पर भी नुकशान उठाना पड़ रहा है।
आर्थिक तंगी झेल रहे कॉलेज
इस समस्या को दूर करने के लिए एकेटीयू प्रशासन की ओर से कई बदलाव किए गए है। कॉलेजों को अत्याधुनिक शैक्षिक सुविधाएं से लैस किया जा रहा है। इसके बाद भी सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। इसी लिहाज से प्लेसमेंट में छात्रों की मदद के लिए इंग्लिश सिखाने की कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस पर भी ज्यादातर कॉलेजों ने ध्यान नहीं दिया।
इंग्लिश में होते है सक्षात्कार
कॉलेजों में प्लेसमेंट के लिए आने वाली लगभग सभी कंपनियां के प्रतिनिधि छात्रों का इंग्लिश में इंटरव्यू लेते है। इस दौरान जानकारी होने के बाद भी इंग्लिश नहीं बोल पाने वाले छात्रों को सफलता नहीं मिल पाती है ओर उन्हें नौकरी से वंचित होना पड़ता है।
जिले कॉलेजों में लगभग 40 हजार से अधिक छात्र
राजधानी में मौजूदा समय में करी 75 से अधिक इंजिनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों का संचालन किया जाता है। इनमें करीब 40 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे है। इन कॉलेजों में अधिकांश छात्र ग्रामीण क्षेत्र से आकर इन कॉलेजों में प्रवेश लेते है। ऐसे में इन छात्रों को कमजोर इंग्लिश के कारण पढ़ाई के साथ-साथ प्लेसमेंट में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर कॉलेजों में इंग्लिश सिखाने की कक्षाएं शुरू कर दी जाती है तो इन छात्रों को इससे काफी राहत मिलेगी।
केन्द्रीय रोजगार में विफल रहे थे हजारों छात्र
बीते साल विवि की ओर से विभिन्न जिलों में तीन दिवसीय केन्द्रीय रोजगार मेला का आयोजन किया गया था। इसमें विवि की ओर से देश के कई बड़ी कम्पनियों को बुलाया गया था। रोजगार मेले में अधिकांश स्टूडेंट्स इंग्लिश में सक्षात्कार नहीं दे सके थे। जिसके कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई थी।
कोट
सभी छात्रों के लिए रोजगार के लिए कई बड़ी कम्पनियों से टाइअप किया जा रहा है। वहीं छात्रों को अग्रेंजी में सक्षात्कर निकाल ले। इसके लिए कॉलेजों को इसके लिए स्पेशल अग्रेंजी की कक्षाएं शुरू करने को कहा गया है। ताकि छात्रों को सक्षात्कार में समस्या न हों।
डॉ. विनय कुमार पाठक, कुलपति, एकेटीयू