शिक्षा विभाग एवं प्रारंभिक शिक्षा के अधीनस्थ अजमेर शहर में संचालित कई सरकारी विद्यालयों में बारिश के दिनों में खतरा बना हुआ है। करीब 20 से अधिक विद्यालय जो किराए के भवनों में संचालित हैं। वर्षों से इन भवनों की मरम्मत नहीं होने से भवन कमजोर हो गए हैं। इन विद्यालयों का कुछ हिस्सा तो जर्जर हालत में है।
विद्यालय प्रशासन की मजबूरी है कि विद्यालय भवन का जो हिस्सा सुरक्षित है उसमें बच्चों का शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है। इसके बावजूद शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को भी आशंका रहती है कि भवन का प्लास्टर, पत्थर गिर ना जाए।
अधिकांश किराए के भवनों में भवन मालिक/ट्रस्ट आदि न्यायालय की शरण में है। न्यायालयों में मामले विचाराधीन होने एवं भवन खाली कराने के नोटिस के चलते इन भवनों की मरम्मत एवं रंग-रोगन नहीं करवाया जा रहा है। भवन मालिक भी यही चाहते हैं कि मामले लम्बित रहें और भवन धीरे-धीरे धराशायी हो जाए।
इसका उदाहरण है गंज स्थित राजकीय सुभाष उच्च माध्यमिक विद्यालय जिसके कक्षा-कक्षों की हालत बेहद खराब है। कुछ कमरे एवं बरामदे खाली कर रखे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारंभिक के अधीनस्थ करीब 23 विद्यालय किराए के भवनों में चल रहे हैं।