लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में एमएससी के फेल छात्रों को इस बार पास करने की तैयारी हो रही है। विवि में इस बार से विज्ञान में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया गया है। इसके तहत जिन छात्रों के दोनो सेमेस्टर में एवरेज 4.5 सीजीपीए से कम हैं उनकी इयर बैक लगा दी गई है। इसमें अगर किसी एक सेमेस्टर में 4.5 सीजीपीए हैं और दूसरे में नहीं तो भी छात्रों की इयर बैक है। विवि उन्हें राहत देने की तैयारी की कर रही है। सोमवार को परीक्षा समिति की बैठक है जिसमें यह मुद्दा रखा जाएगा।
साइंस फैकल्टी में कुल 9 विभाग है जिसमें हर विभाग में चार से पांच छात्रों के 4.5 सीजीपीए नहीं आए हैं। गणित विभाग में यह संख्या और भी ज्यादा है। इसकी शिकायत छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक एके शर्मा से की जिसके बाद इस सिंगल पाइंट एजेंडे पर बैठक होने जा रही है। क्योंकि जिन आर्ट और कॉमर्स फैकल्टी में सीबीसीएस नहीं लागू है। ऐसे में यहां अगर साल के दो सेमेस्टर में अगर छात्र एक सेमेस्टर में फेल भी है तो भी उसे तीसरे सेमेस्टर में प्रवेश मिल गया है। जबकि साइंस फैकल्टी में सीबीसीएस लागू होने के बाद ऐसा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में एक ही विवि की दो फैकल्टी के नियम अलग अलग हो गए हैं जिस पर छात्रों ने आपत्ति दर्ज की है। ऐसे में छात्रों को समान अधिकार देने के लिए यह राहत देने की तैयारी हो रही है।
इसे अधिकारियों की लापरवाही ही कहा जाएगा कि सीबीसीएस लागू करने से पहले इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया। क्योंकि नियम तो तब भी यही थे। ऐसे में लविवि प्रशासन को सीबीसीएस लागू करने के समय ही इस मुद्दे का समाधान कर देना चाहिए था। ताकि छात्रों को रिजल्ट के बाद विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। अगर छात्रों में समानता लानी थी तो पहले ही या तो आर्ट और कॉमर्स में चल रहे पूर्व के नियम को बदल देते या फिर सीबीसीएस के 4.5 सीजीपीए की बाध्यता खत्म कर दी जाती जिसे अब बदला जा रहा है। कोटपरीक्षा समिति की बैठक में इस मुद्दे को रखा जाएगा, अगर इसे मंजूरी मिल जाती है पिछले और आगामी दोनो परिणाम पर यह लागू होगा।
वर्जन – प्रो एके शर्मा, परीक्षा नियंत्रक