मालाचोवस्की ने रियो में चक्का फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता था । मालाचोवस्की के इस मेडल से मिली रकम से आंख के कैंसर से जूझ रहे बच्चे ओलेक सिमनास्की का इलाज किया जाएगा । इस बच्चे को उपचार के लिए न्यूयार्क भेजा जाएगा. मालाचोवस्की ने कहा, “मेरा रजत पदक एक हफ्ते पहले तक मेरे लिए बहुत मायने रखता था । छोटे ओलेक की सेहत के लिए “उन्होंने कहा, “ओलेक की सेहत के लिए इसकी अधिक ज़रूरत है ।”मालाचोवस्की ने आठ साल पहले बीजिंग ओलंपिक में भी रजत पदक हासिल किया था. उन्होंने कहा, “किस्मत ने मुझे अपने सिल्वर मेडल की क़ीमत बढ़ाने का मौक़ा दिया है.”उन्होंने कहा, “हम ये दिखाने में कामयाब रहे हैं कि एक साथ हम चमत्कार कर सकते हैं । ये हमारी साझा सफलता है.”मालाचोवस्की ने कहा, “ओलंपिक में पदक जीतने किसी भी एथलीट का सपना होता है । बेशक, स्वर्ण पदक इसमें सबसे ऊपर होता है.”उन्होंने कहा, “मैंने इस पदक को हासिल करने के लिए सबकुछ किया । बदकिस्मती से मैं इसमें कामयाब नहीं हुआ ।