ओस्लो। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस को चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार फार्क विद्रोहियों के साथ पिछले माह किए गए महत्वपूर्ण शांति समझौते कि लिए दिया गया।
नोबेल कमेटी के अध्यक्ष कासी कुलमन ने नार्वे की राजधानी ओस्लो में इस आशय की घोषणा करते हुए कहा, कोलंबिया के राष्ट्रपति सैंटोस को यह पुरस्कार पिछले 50 साल से चल रहे गृह युद्ध को खत्म करने की दिशा में किए गए प्रयास के लिए दिया जा रहा है। फार्क विद्रोहियों से संघर्ष में अब तक करीब 2.6 लाख लोगों के मारे जाने और 60 लाख लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है।
हालांकि सैंटोस की इस आधार पर आलोचना भी हुई कि करार में उन्होंने विद्रोहियों को जरूरत से ज्यादा रियायतें दे दीं। लेकिन सैंटोस शांति समझौते से नहीं डिगे। यह पुरस्कार 10 दिसमंबर को दिए जाने की संभावना है। इस बार शांति पुरस्कार के लिए कुल 376 उम्मीदवार दौड़ में थे।
सुसाइड नोट में व्यापार में घाटे की बात लिखी
सूचना पर आईजी जोन अजय आनंद, एसएसपी जे रविंद्र गौड़, एसपी सिटी ओमप्रकाश भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस की तलाशी में कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मोहन अरोड़ा ने व्यापार में घाटे की वजह से आत्महत्या करने की बात लिखी थी। आईजी ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। पुलिस सुसाइड नोट और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बारीकी से जांच कर रही है।
घटना की सुनते ही अचंभे में रह गए पड़ोसी
जैसे ही पड़ोसियों को इस घटना की जानकारी मिली तो वह अचंभे में पड़ गए। पड़ोसियों ने बताया कि अरोड़ा परिवार का व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वह घाटे में चल रहे हैं। पूरा परिवार बहुत ही मिलनसार स्वभाव का था। एक साथ पांच लोगों के आत्महत्या करने से पूरा क्षेत्र अचंभित था। लोगों की भीड़ व्यापारी परिवार के घर के बाहर जुटी हुई थी।
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