अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के चलते न्याय विभाग ने महानिरीक्षक से आकलन करने को कहा है कि क्या राजनीतिक कारणों से ट्रंप के प्रचार अभियान की जासूसी तो नहीं कराई गई थी. वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि यह कदम ट्रंप और संघीय कानून प्रवर्तनालय अधिकारियों के बीच टकराव को दूर कर सकता है. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “मैं इस बात की जांच की मांग करूंगा कि कहीं राजनीतिक कारणों से ट्रंप चुनाव प्रचार अभियान की जासूसी तो नहीं की गई थी. क्या इस कदम के पीछे ओबामा प्रशासन का आदेश तो नहीं था.”
एफबीआई ने जासूसी तो नहीं की, इसकी जांच होगी
ट्रंप के ट्वीट के कुछ घंटों बाद न्याय विभाग ने कहा कि उन्होंने महानिरीक्षक को ट्रंप के चुनाव अभियान के एक पूर्व सलाहकार की जांच करने को कहा है कि कहीं एफबीआई ने जासूसी तो नहीं की थी. न्याय विभाग ने कहा कि यदि इसमें किसी तरह के आपराधिक आचरण के साक्ष्य पाए गए तो यूएस अटॉर्नी से सलाह ली जाएगी. उप अटॉर्नी जनरल रॉड जे.रोसेनस्टेन ने जारी बयान में कहा, “यदि ट्रंप के प्रचार अभियान में किसी तरह की घुसपैठ या जासूसी के साक्ष्य पाए गए तो हमें इसकी तह तक जाने और उचित कदम उठाने होंगे.”
ट्रंप ने मूलर जांच खत्म करने की मांग की
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के अमेरिकी चुनाव में रुसी दखल के आरोपों की रॉबर्ट मूलर द्वारा जांच को ‘परेशान करने वाला दुनिया का सबसे महंगा अभियान’ करार दिया. ट्रंप ने कहा कि मूलर को अपनी जांच में मिलीभगत या न्याय में बाधा का कोई सबूत नहीं मिलने के बाद दुनिया में आये अन्य (कथित) सनसनीखेज खुलासों की ओर मुड़ रहे हैं.
राष्ट्रपति न्यूयॉर्क टाईम्स में छपी इस खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि फारस की खाड़ी के दो देशों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का प्रतिनिधित्व कर रहे जार्ज नादर अगस्त, 2016 को राष्ट्रपति के सबसे बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर से मिले थे.
अखबार के अनुसार नादर ने ट्रंप जूनियर से कहा था कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के शहजादे चुनाव में जीत के लिए उनके पिता की मदद के लिए इच्छुक हैं. ट्रंप ने ट्वीट किया कि रुस और मेरे बारे में कुछ नहीं मिलने पर जांच अब शेष दुनिया की ओर मोड़ा जा रहा है.
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