मोहर्रम पर मातम मनाने और तलवार लहराने को देवबंदी उलेमाओं ने नाजायज बताया. सहारनपुर के देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि मोहर्रम के पाक महीने के अवसर पर नंगी तलवारें लहराना और मातम करना, अखाड़े बाजी करना ये सब इस्लाम में नाजायज है. 
देवबन्दी उलेमाओं ने कहा कि मोहर्रम एक मुबारक महीने में आता है. उन्होंने बताया कि इसमें हमारे इस्लाम और शरीयत ये नहीं कहता की तलवारों के साथ मातम किया जाए, इसलिए ये नाजायज हैं.
वहीं, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा की इमाम हुसैन की शहादत पर मातम मनाना देवबंदी मौलाना को क्यों खलता है. वसीम रिजवी ने कहा की हम इमाम हुसैन के नाम पर खुद को तकलीफ़ देते हैं तो यह उनको नाजायज लग रहा है, ये कतई नाजायज नहीं हो सकता. उन्होंने देवबंदी मौलानाओं को आतंक का चेहरा बताया. देवबंदी उलेमाओं द्वारा दिए गए बयान की कड़ी निंदा करते हुए वसीम रिजवी ने कहा कि देवबंदी उलेमा दूसरों का सिर काटना, तलवार की नोक पर जिहाद और हलाला की तरफदारी करते हैं.
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