मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक गाय और उसके बछड़े के बीच कानून की दीवार खड़ी हो गई. गाय और उसके साथ दो बैलों को पुलिस ने वध की आशंका में पुलिस थाने में बांध दिया, जबकि गाय का बछड़ा पशुपालक किसान के पास ही रह गया. अब पुलिस की मंजूरी मिलने पर ही मवेशी मालिक बछड़े को थाने लाकर दूध पिलाता है.
दरअसल, बुरहानपुर की गणपति नाका पुलिस ने शहर के इतवारा गेट पर मुखबिर की सूचना पर एक गाय, दो बैल और दो केड़ों को जब्त कर गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम और पशुक्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया. पुलिस को सूचना मिली थी कि मवेशियों को वध के लिए ले जाया जा रहा है.
यह सभी मवेशी नागझिरी निवासी पशुपालक व किसान शेख नजीर के हैं. किसान ने खुद को पशुपालक और किसान होने के साथ इन मवेशियों का मालिक बताया. उसने सबूत के तौर पर पुराने फोटोग्राफ भी दिखाए, लेकिन पुलिस ने उसकी कोई दलील नहीं सुनी और मवेशियों को जब्त कर लिया. शेख नजीर आरोप लगा रहे है कि पुलिस ने गलत केस दर्ज कर मवेशियों को जब्त कर लिया
चूंकि, बछड़ा पशुपालक के पास ही था. इस वजह से पुलिस ने उसे जब्त नहीं किया. पुलिस की कार्रवाई के बाद अब दो माह का यह बछड़ा मां के दूध से वंचित रह गया. शेख नजीर का कहना है कि वह पुलिस की अनुमति से अपने बछड़े को दूध पिलाने पुलिस थाने ले जा रहा है.
पुलिस का आरोपों से इनकार
बुरहानपुर पुलिस गलत केस दर्ज की बात से साफ इनकार कर रही है. एसपी आरआरएस परिहार के मुताबिक गौवंश के लाने ले जाने पर कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर रखी है. पुलिस ने इन मवेशियों को पकड़ा तो मालिक मौके से भाग खड़े हुए जिससे शक गहराया और पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
अब कोर्ट से गुहार
पीड़ित किसान अब अपने मवेशियों को वापस पाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाएगा. किसान के वकील जहीर खान ने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा है कि वह कोर्ट में अपना पक्ष रखकर मवेशियों की सुपुदर्गी मांग करेंगे.