गोरखपुर में मेट्रो के लिए अभी इंतजार करना होगा। केंद्र सरकार ने कार्यदायी संस्था राईट्स द्वारा तैयार डीपीआर के अध्ययन के बाद दोबारा आकलन की जिम्मेदारी लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन को सौंपी है।
जीडीए कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर सहित अन्य सभी शहरों में मेट्रो के संचालन के लिए तैयार डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी गई थी। इंदौर की तुलना में गोरखपुर और कई अन्य शहरों के डीपीआर में खर्च अधिक पाए जाने को लेकर सरकार ने आपत्ति जताई और खर्च का आकलन फिर से करने का निर्देश दिया। आकलन के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन का नाम भी सुझाया। सरकार के निर्देश के बाद फिर से खर्च के आकलन की प्रक्रिया रेल कार्पोरेशन द्वारा शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि गोरखपुर मेंं मेट्रो रेल को लेकर सर्वे का कार्य डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। छह महीने पहले कार्यदायी संस्था राईट्स ने यह कार्य पूरा कर लिया और मेट्रोमैन श्रीधरन द्वारा प्रस्तावित मार्ग और डिपो आदि का मौके पर जाकर सत्यापन भी किया गया था। सत्यापन के बाद ही राईट्स ने डीपीआर तैयार किया था।