Friday , April 26 2024

ग्वालियर की 1458 आंगनबाड़ियों में परोसा जा रहा घटिया खाना

जिले की 1458 आंगनबाड़ियों से पोषण आहार गायब है। कुपोषण खत्म होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी महीने में कुपोषण के शिकार 11 बच्चे सामने आ चुके हैं और अब चंबल कॉलोनी से एक बच्ची को और कुपोषित होने पर थाटीपुर स्थित एनआरसी में भर्ती कराया गया है। आंगनबाड़ी नेटवर्क के जरिए ग्वालियर में बच्चे ट्रैक नहीं हो पा रहे हैं। वहीं आंगनबाड़ियों में जो थोड़े बहुत बच्चे आते भी हैं, उन्हें भी घटिया डाइट परोसी जा रही है। जिले के जिन मुठ्ठीभर स्वसहायता समूहों पर आंगनबाड़ियों में पोषण आहार देने का जिम्मा है,वे मासूमों से ज्यादा खुद की सहायता पर फोकस किए हुए हैं। घटिया भोजन की व्यवस्था यहां स्थाई कर दी गई है जो कुपोषण का सबसे बड़ा कारण है।

थाटीपुर स्थित एनआरसी सेंटर में इसी दिसंबर माह में 11 बच्चे कुपोषित सामने आ चुके हैं। इसके बाद दो रोज पहले चंबल कॉलोनी से 13 माह की एक बच्ची को कुपोषण निकला है। इस बच्ची को एनआरसी सेंटर में भर्ती करा दिया गया है और ऑब्जर्वेशन में ले लिया गया है। वहीं इससे पहले भर्ती 11 बच्चों में तीन को परिजन घर ले गए हैं। दिसंबर माह में 6 से 14 दिसंबर के बीच 9 बच्चे भर्ती किए गए थे। हकीकत में एनआरसी सेंटर में यह संख्या बेहद कम है जिसका कारण है कि आंगनबाड़ियों की ओर से बच्चों को ट्रैक ही नहीं किया जा रहा है।

5 समूह चला रहे पूरा शहर

आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार देने का काम शहरी क्षेत्र में 5 स्वसहायता समूहों के ही पास है। यहां भी बड़े गजब हालात हैं कि एक स्व सहायता समूह के पास 100 आंगनबाड़ी केंद्र कहीं तो एक समूह पर 300 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यहां शहरी क्षेत्र में 600 के करीब आंगनबाड़ियां हैं,जिन्हें अपने तरीके से पांच समूह चला रहे हैं। बच्चों को मिलने वाली खिचड़ी, दलिया, चावल से लेकर अन्य डाइट कैसी देते हैं,यह सभी को पता है।

इनके पास है भोजन सप्लाई का काम

महाकाल स्वसहायता समूह, नानक स्वसहायता समूह, सोना स्वसहायता समूह, जय मां दुर्गे स्वसहायता समूह, स्व. सुशीला देवी दीक्षित महिला मंडल।

3 दिक्कतः जो कुपोषण की ताकत

1-स्वसहायता समूहों के घटिया भोजन पर कोई कार्रवाई न होना।

2-आंगनबाड़ी नेटवर्क यानि स्टाफ के जरिए कुपोषित बच्चों को ट्रैक करने में लापरवाही।

3-महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन की अनदेखी।

एनआरसी की स्थिति

एनआरसी सेंटर थाटीपुर में 20 बच्चों के रखे जाने की क्षमता है, पिछले दो माह से करीबन एनआरसी सेंटर के बेड ही फुल नहीं हो पाए हैं। इससे यह संकेत नहीं कि कुपोषण कम हो रहा है,बल्कि हकीकत यह है कि अब विभाग इतना सुस्त हो गया है कि जो कुपोषण से पीड़ित बच्चे हैं,उन्हें एनआरसी तक नहीं पहुंचाया जा रहा है।

जिले से ली जाएगी जानकारी

सोमवार को कुपोषण के मामले में जिले के विभाग के प्रमुख अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। बच्चों के कुपोषित होकर एनआरसी में आने का मामला जानकारी में आ चुका है। – संजय अग्रवाल,सहायक संचालक,महिला एवं बाल विकास विभाग

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com