चीन लगातार अपनी सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए तकनीकी विकास में जुटा हुआ है। इसके तहत वह लगातार नई तरह की मिसाइल विकसित कर रहा है। ऐसी ही एक मिसाइल गुआम किलर है जिसको चीन ने विकसित किया है। यह मिसाइल जमीन से जमीन पर हमला करने के लिए बनाई गई है। लेकिन इसकी सीएनएन की एक मीडिया रिपोर्ट में इस मिसाइल की काबलियत पर शक जाहिर किया है। आपको बता दें कि चीन की सरकारी मीडिया ने बीते सप्ताह इसकी खबर दिखाई थी। इसमें इस मिसाइल का एक वीडियो भी दिखाया गया था, जिसमें मिसाइल को लॉन्च होते दिखाया गया था, लेकिन इसमें यह साफ नहीं किया गया कि इसने समुद्र में अपने टार्गेट को सफलतापूर्वक हिट किया या नहीं। सीएनएन की रिपोर्ट में इस पर ही सवाल खड़ा किया है।
डीएफ 26 बैलेस्टिक मिसाइल
चीन की इस मिसाइल का नाम DF-26 है जो एक इंटरमीडिएट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल है। हालांकि इसका टेस्ट कहां से किया गया इसको लेकर चीन की मीडिया ने कोई जानकारी नहीं दी है। अखबार ने मिलिट्री एक्सपर्ट कार्ल स्कस्टर के हवाले से लिखा है कि चीन की मीडिया में आई इस रिपोर्ट को सभी ने देखा है। लेकिन यह सफल रही है ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
जानकारों को है इसकी काबलियत पर शक
आपको बता दें कि चीन काफी समय से इस मिसाइल को लेकर बड़ी-बड़ी बात करता रहा है। चीनी रक्षा जानकार भी इस मिसाइल के अमेरिका के पेसेफिक आइसलैंड तक मार करने की बात कर चुके हैं। यही वजह है कि इसको गुआम किलर का नाम दिया जा रहा है। इतना ही नहीं कहा ये भी गया है कि यह समुद्र में निगरानी करते युद्धपोत को भी निशाना बना सकती है, जो लगातार अपनी जगह बदलते रहते हैं। चीन की मीडिया की मानें तो गुआम किलर अपना रास्ता मूविंग ऑब्जेक्ट के हिसाब से बदले में माहिर है। लेकिन चीन के इस दावे पर स्कस्टर का कहना है कि चीन के पास कोई ऐसी तकनीक है इसको लेकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन फिलहाल अमेरिका ऐसा नहीं मानता है कि चीन के पास यह तकनीक है कि उसकी मिसाइल मूविंग ऑब्जेक्ट को निशाना बना सके। आपको बता दें कि स्कस्टर अमेरिकी पेसेफिक कमांड के ज्वाइंट इंटेलिजेंस सेंटर के डायरेक्टर हैं।
दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर विवाद
आपको यहां पर ये भी बता दें कि दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर अमेरिका और चीन में काफी लंबे समय से तनाव चल रहा है। पिछले दिनों इस इलाके में अमेरिकी विध्वंसक पोत की मौजूदगी की वजह से चीन तिलमिला गया था और अमेरिका को चेतावनी तक दे डाली थी। उसका कहना था कि अमेरिका ने उसकी जलसीमा में आकर अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन किया है।