
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि कार्यपद्धति में प्रमाणिकता कंपनी सेक्रेटरी का प्रमुख दायित्व है। उद्योग और व्यापार के विकास में कंपनी सेक्रेटरी अधिनियम, भूमिका एवं कार्य पद्धति का क्या स्थान है, पर विचार करने की आवश्यकता है। आज स्पर्धा क्षेत्रीय न होकर वैश्विक स्तर पर है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास ने संचार माध्यम के द्वारा दूरियाँ समाप्त कर दी है। उन्होंने कहा कि अद्यतन तकनीकों को देश की प्रगति से जोड़ने की जरूरत है। रविवार को इंस्टीट्यूट आॅफ कंपनी सेक्रेटरीज आफ इण्डिया के लखनऊ चैप्टर द्वारा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय छात्र सम्मेलन ‘उद्यति‘ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कंपनी सेक्रेटरी का पद महत्व का पद है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश विकासशील है। किसान भले ही उपाधिधारक न हों मगर उसमें इतनी क्षमता है कि देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है। देश के आजाद होने के बाद हमें विदेशों से खाद्यान्न आयात करना पड़ता था। आज आबादी बढ़ने, शहरीकरण और आद्यौगिकीकरण की वजह से खेती की जमीन घटी है मगर खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है। 2020 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। आधुनिक ज्ञान का उपयोग देश और मानवता के विकास के लिए करें। अपने मानव संसाधन को हम पूंजी में परिवर्तित करके देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवकों की भागीदारी देश की प्रगति में बढ़ाये। मुख्य वक्ता संजय ने कहा कि रोजगार के अभाव के कारण गाँव से शहरों की ओर पलायन बढ़ा है। गाँव में रोजगार के साधन उपलब्ध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि समृद्ध भारत के लिए नये संकल्पों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। कार्यक्रम में सुश्री गीतिका केसरवानी इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेटरीज आॅफ इण्डिया के लखनऊ चैप्टर की अध्यक्ष ने स्वागत उद्बोधन भी दिया।
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