अगरतला: त्रिपुरा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस के छह विधायक मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। विधानसभा अध्यक्ष रमेंद्र चंद्र देबनाथ ने संवाददाताओंसे कहा कि उन्हें कांग्रेस के विधायक सुदीप रॉय बर्मन से इस सिलसिले में एक पत्र मिला है। देबनाथ ने कहा, “पत्र में कांग्रेस के छह विधायकों के हस्ताक्षर हैं, जिसमें उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की सूचना दी है।”
उन्होंने कहा, “मैं इन सभी छह विधायकों को अलग-अलग बुलाऊंगा और पत्र पर उनके हस्ताक्षर की पुष्टि करूंगा। नियमों व विशेषज्ञों से परामर्श के बाद मैं एक या दो दिन में इस संबंध में अंतिम फैसला लूंगा।” तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय मंगलवार को यहां पहुंचे। बीते पांच दिनों के दौरान वाम मोर्चा शासित प्रदेश का यह उनका दूसरा दौरा है।
बर्मन के अलावा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य विधायकों में आशीष साहा, विश्वबंधु सेन, दीबा चंद्र हरंगखॉल, परंजित सिंघा रॉय तथा दिलीप सरकार शामिल हैं। परंजीत त्रिपुरा से बाहर हैं। बर्मन ने जिस वक्त पत्र अध्यक्ष को सौंपा, उस दौरान दिलीप सरकार उनके साथ नहीं थे। उनकी तबियत खराब चल रही है। अन्य तीन विधायक बर्मन के साथ थे।
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वाममोर्चा के बीच गठबंधन के विरोध में सुदीप रॉय बर्मन ने हाल में कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया था। बर्मन त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। राज्य के 60 सदस्यों वाली विधानसभा में अब कांग्रेस के मात्र तीन विधायक बचे हैं।
कांग्रेस के एक अन्य विधायक जितेंद्र सरकार ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह फिर से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) में शामिल होंगे। त्रिपुरा विधानसभा के दो बार अध्यक्ष रह चुके जितेंद्र सरकार मार्च 2010 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
इस बीच, त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष बीराजित सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष से सभी छह विधायकों के खिलाफ ‘दल बदल कानून’ के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से सलाह करने के बाद सिन्हा ने पार्टी विधायक विश्वबंधु सेन को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।