स्कूल के शारीरिक शिक्षा अध्यापक ही अपने स्तर पर बख्शो को ट्रेंड कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण के अभाव में बख्शो धर्मशाला और नाहन में हुए ट्रायल में सफल नहीं हो पाई है। हालांकि वह बहुत कम मतभेद से दौड़ में पिछड़ी है। हैरानी की बात है कि विभाग के निर्देशों के बावजूद जिला खेल विभाग की ओर से बख्शो को तकनीकी ट्रेनर नहीं दिया गया। बख्शो देवी ने पिछले साल ऊना के इंदिरा स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में जीरो डिग्री तापमान के बीच नंगे पांव दौड़ कर गोल्ड मेडल जीता था।
गरीब परिवार से संबंधित बख्शो की मदद के लिए पूरा देश उमड़ पड़ा और कुछ ही दिनों में बख्शो के खाते में करीब 5 लाख रुपए लोगों ने जमा करवाए। वहीं, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी ईश्वर चौधरी का कहना है कि बख्शो के हुनर को देखते हुए विभाग ने स्पोर्ट्स हॉस्टल को सिफारिश की थी। हालांकि उन्होंने माना कि विभाग की ओर से बख्शो को कोई ट्रेनर नहीं दिया गया। विभाग ने संबंधित स्कूल को फिर से होने वाले ट्रायल के लिए बख्शो को भेजने को कहा है, जिससे उसे स्पोर्ट्स हॉस्टल में दाखिला दिलाया जा सके।