सुंदरनगर: भाजपा राष्ट्रीय परिषद के मेंबर एवं प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा का कहना है कि जब तक हिलोपा सरकार के साथ थी तो रघुनाथ मंदिर में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन जैसे ही हिलोपा को सरकार का पता चला कि यह आम आदमी के हित में नहीं है तो मंदिर भी गलत हो गया।
उन्होंने कहा कि इतने में ही मंदिर का अधिग्रहण कर लिया गया। इससे लगता है कि वीरभद्र सिंह को यह याद ही नहीं रहता कि वह लोकतंत्र में ही मुख्यमंत्री है या फिर राजशाही में। उन्होंने कहा कि रजवाड़ाशाही को देश में 15 अगस्त 1947 को त्याग दिया था, मंदिर हमारे आस्था के प्रतीक है और कुल्लू का रघुनाथ मंदिर तो निजी संपति है।
उन्होंने कहा कि भारत में विश्व के कई धार्मिक समुदाय रहते हैं। हिंदू मुस्लिम, इसाई पारसी, बौद्ध जैन आदि शामिल है। लेकिन अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि हिंदू के पूजा स्थल ही वीरभद्र सिंह के निशाने पर क्यों है। राणा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए हमला बोला कि कांग्रेस सरकार ने कोई चर्च अधिग्रहित किया है, क्योंकि उससे वीरभद्र का सोनिया माता से सीधे तौर पर रिश्ता है। क्योंकि मुस्लिम समुदाय को कांग्रेस मात्र वोट के लिए ही इस्तेमाल करते हैं। राणा ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी वीरभद्र को कोर्ट से भी मुंह की खानी पड़ी है।