नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एफसीआरए का बदला नियम फौरन निरस्त करने और राजनीतिक दलो का सारा चंदे कैशलेस लिए जाने की मांग की है।
आप ने आरोप लगाया कि देश में कालेधन पर अंकुश लगाने वाली भाजपा सरकार के अपने काले धन की फंडिंग की बात आई, तो फैसले को वापस ले लिया।
आप प्रवक्ता आशीष खेतान ने सोमवार को कहा, भाजपा और केंद्र सरकार चाहे तो चुनाव में काले धन को रोक सकते हैं। उन्हें सिर्फ दो दिन लगेंगे। 20 हजार रुपये से कम का ब्योरा देना नहीं पड़ता, इसी का फायदा उठाया जा रहा है।
2004 से 2015 के बीच भाजपा के चंदे का बड़ा हिस्सा 20 हजार रुपये से कम के दान से आया। इस दौरान कई राज्यों में भाजपा की सरकारें रहीं। कई बड़े माइनिंग घोटाले भी हुए।
आशीष खेतान ने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, 2014 में जब मोदी जी लड़ रहे थे, तो एक-एक लोकसभा में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च हो रहे थे। एफसीआरए नियम के तहत राजनीतिक दल विदेशी कंपनी से पैसे नहीं ले सकते। कांग्रेस और भाजपा ने एक विदेशी कंपनी से चंदा लिया। देश में कई जगहों पर उसकी खदाने हैं, जमीनें हैं।
आप ने कहा कि प्रधानमंत्री से अनुराध है कि एफसीआरए का बदला नियम फौरन निरस्त करे। पार्टी ने मांग की कि 20 हजार रुपये से कम का डोनेशन देने वाली की जानकारी नहीं देने का कानून रद्द किया जाए। सारे चंदे कैशलेस लिए जाएं।
आगामी चुनावी रैली के तमाम ताम-झाम बैंकिंग प्रणाली के तहत हों। सीआईसी ने कांग्रेस, भाजपा, बसपा, सीपीआई समेत कई राजनीतिक दलों से कहा था कि अपने ऊपर आरटीआई लागू करे जिससे कोई भी कुछ भी जानकारी लेना चाहे तो उसे मिले। आप का दावा है कि उसकी मांगों पर अमल से ईमानदारी राजनीति की शुरुआत होगी।
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