गुवाहाटी। देशवासियों को खाद्य सुरक्षा मुहैया करवाना केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है। केंद्र सरकार हर हालत में इसके लिए प्रयत्नशील है। वर्षों पुराने खाद्य सुरक्षा कानून को बदल कर हर किसी को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिलवाने के लिए नया ग्राहक सुरक्षा एक्ट 2016 जल्द ही लागू होगा। इसे विधिवत रुप से लागू करने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। संभवत संसद के मौजूदा सत्र में यह पास भी हो जाएगा।
ये बातें राजधानी गुवाहाटी में बीते कल मंगलवार की शाम को केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले,खाद्य सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मंत्री राम विलास पासवान ने एक होटल में भारतीय खाद्य निगम असम क्षेत्र व भारतीय मानक ब्यूरो, गुवाहाटी शाखा कार्यालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि असम में कुल 3.11 करोड़ की आबादी है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 3 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से कुल 135479 मैट्रिक टन चावल व 6.10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से टाइड ओवर स्कीम के तहत 5781 मैट्रिक टन गेंहू हर माह कार्ड धारकों में वितरित किया जाता है, वहीं उन्होंने कहा कि दिसंबर 2015 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के क्रियान्वयन के बाद पीडीएस के तहत 11.90 एलएमटी चावल और 0.77 एलएमटी गेहूं जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि मूल्य नियंत्रण की व्यवस्था के रूप में 2.51 एलएमटी गेंहू के खुले बाजार में बिक्री की गई है। वहीं मंत्री पासवान ने कहा कि राज्य में 3.159 लाख टन खाद्य को रखने की स्टोरेज क्षमता है जिसमें 2.19 टन खाद्य सामग्री उपलब्ध है, जबकि राज्य में 3-4 माह के लिए अतिरिक्त रुप से रूप से 5.20 लाख टन खाद्य सामग्री की जरुरत है, वहीं उन्होंने कहा कि राज्य मे कृषकों की ओर से उत्पादित धान की खरीददारी बढ़ी है।
भारतीय खाद्य निगम के असम छात्र ने कृषकों से 55 हजार एमटी धान खरीदने की योजना थी जिसमे 53,083 एमटी धान की खरीददारी विभाग ने की, वहीं राज्य में 20 हजार एमटी धान खरीदने की योजना थी, जबकि प्रति किलोग्राम 14.10 की दर से 9749 एमटी धान विभाग ने खरीदा, वही सभी कृषकों को उनका मूल्य भी चुका दिया गया। इसके साथ ही बरपेटा में 25000 मैट्रिक टन भंडारण क्षमता का गोदाम का निर्माण चल रहा है। वही भारतीय मानक ब्यूरो, गुवाहाटी शाखा की ओर से पाली ब्रांड प्रोडक्ट टेंस्टिंग व पैकेज ड्रिकिंग वाटर टेस्टिंग का काम चल रहा है। इसके साथ ही अन्य कई तरह की सामग्री की जांच का कार्य भी विभाग की ओर से जल्द ही शुरू होगा।