Wednesday , April 30 2025

नोटबंदी पर कलकत्ता हाईकोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार

%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%b8कोलकाता। पांच सौ व हजार रुपये की नोटबंदी के बाद बेहतर वैकल्पिक इंतजाम न होने से लोगों की परेशानी पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।

अदालत ने कहा कि सरकार की पालिसी सही हो सकती है लेकिन लोगों की तकलीफें कम करना भी सरकार का दायित्व है। शुक्रवार को नोटबंदी से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने लोगों की परेशानी दूर करने के लिए केंद्र सरकार को नसीहतें दीं।

मुख्य न्यायधीश गिरीश गुप्त तथा न्यायमूर्ति अरिन्दम सिन्हा की डिविजन बेंच ने केंद्र सरकार के पक्षकार व एडिशनल सालिसिटर जनरल कौशिक चंद्र से सवाल किया कि चिकित्सा व परिवहन के क्षेत्र में लोगों की परेशानी कम करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये हैं? इस बारे में 25 नवम्बर तक अदालत में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

मुख्य न्यायधीश गिरीश गुप्त ने कहा कि हालात धीरे-धीरे बदल रहे हैं लेकिन इससे बेहतर कुछ किया जा सकता था। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि बैंककर्मियों में दायित्वबोध का अभाव दिख रहा है। केंद्र सरकार के पक्षकार का कहना था कि लोग किसी भी जगह भुगतान के लिए क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस पर न्यायधीश ने कहा कि लोग तकलीफ में हैं, परेशान हो रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि सरकार कहती है कि सरकारी अस्पतालों में पुराने नोट लिए जायेंगे, फिर उनका क्या होगा जो नर्सिंग होम में उपचार करा रहे हैं। फिर डायगनोस्टिक सेंटर, मेडिकल स्टोर में क्या होगा? बहुत से लोग इलाज के लिए गैरसरकारी अस्पतालों में जाते हैं। उनके बारे में क्यों नहीं सोचा गया?

इसी तरह रेल व हवाई यातायात के लिए पुराने नोट लिये जा रहे हैं लेकिन बसों में लंबी दूरी की यात्रा करने वालोें के बारे में क्यों नहीं सोचा गया? मुख्य न्यायधीश ने कहा कि केंद्र सरकार हर दिन अपनी नीतियों में परिवर्तन कर रही है। सच तो यह है कि इतना बड़ा कदम उठाने से पहले सरकार ने पर्याप्त होम वर्क नहीं किया, जिसके चलते देश भर में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि बैंक कर्मियों को और अधिक दायित्वबोध के साथ काम करना चाहिए। गौरतलब है कि गत बुधवार को अधिवक्ता रमाप्रसाद सरकार ने नोटबंदी के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। शुक्रवार को उसी पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्र को फटकार लगाते हुए लोगों की परेशानी दूर करने की नसीहतें दी।

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