लखनऊ। नोटबंदी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाये बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमों मायावती ने कहा कि अपने ही पैसे के लिए कतार में लगने को विवश और दुखी जनता इस सरकार को कभी माफ नही करेगी।
मायावती ने कहा कि नोटबंदी का यह फैसला देश की 90 प्रतिशत जनता को सबसे ज्यादा तकलीफ देने और ‘उनके चेहरों का नूर उतारने’ वाला है। ऐसी बेपरवाह और ग़ैर जिम्मेदार सरकारों को जनता कभी भी माफ नहीं करती है।
मायावती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर ’इण्डिया शाइनिंग’ जैसी अठखेलियां करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेता और केन्द्रीय मंत्री नोटबन्दी के अभूतपूर्व फैसले की वैसी ही वाहवाही कर रहे हैं जैसे इनकी पूर्व की केन्द्र सरकार में ‘इण्डिया शाइनिंग’ की वाहवाही करके आमजनता की दुख-तकलीफों का मज़ाक उड़ाया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ना तो वर्ष 2004 के ’इण्डिया शाइनिंग’ से कुछ सबक सीखा है और ना ही ख़ासकर उत्तर प्रदेश के अपने सांसदों की फीडबैक से सबक सीखने की कोशिश कर रही हैं कि 500 व 1000 रुपये की नोटबन्दी के अधकच्चे व अपरिपक्व फैसले के कारण देश की 90 प्रतिशत आम जनता का हाल काफी ज्यादा बेहाल हो रहा है और भारत एक संकटग्रस्त देश बन गया है, जहां लोग अपनी कमाई के पैसे के लिए भी मोहताज बन कर रह गए हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी व्यवस्था को, जिसमें लोगों का अपना पैसा अपना नहीं रह जाये, भला कौन सराह सकता है, फिर भी इस जनपीड़ा को महसूस कर उसका उचित समाधान निकालने के बजाय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व व केन्द्रीय मंत्री बसपा सहित उन विपक्षी पार्टियों की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि नोटबन्दी से आमजनता की नहीं बल्कि प्रतिपक्षी पार्टी के नेताओं की ’हवाइयां’ उड़ी हुयी हैं।
मायावती ने कहा कि नोटबन्दी के 39वें दिन भी पूरे देश में हर तरफ अफरातफरी का माहौल है, बैंकों में संकट है और लोगों में कंगाली व्याप्त है, लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार अपने अड़ियल रुख़ पर कायम है कि देश में केवल ‘बेईमान’ लोग ही परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपने गैर-जि़म्मेदाराना रवैये से नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देश की 90 प्रतिशत ग़रीब, मज़दूर, किसान, कर्मचारी और अन्य मेहनतकश जनता को ’बेईमान’ घोषित कर दिया है, जो घोर सरकारी अन्याय व बर्बरता भी है।
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि नोटबन्दी के अपरिपक्व फैसले के कारण देश भर में बैंकों व एटीएम के बाहर लम्बी कतार केन्द सरकार की घोर विफलता है। लोगों का धैर्य समाप्त हो रहा है और अब यह क़ानून-व्यवस्था की नई समस्या में बदलता जा रहा है और उन्हें पुलिस के डंडे भी खाने पड़ रहे हैं। ऐसे में राज्य की सरकारों की भूमिका बहुत अहम हो जाती है कि वह वास्तव में जनता के दुःख-दर्द के साथ हैं या फिर केन्द्र की जनविरोधी नीति के साथ।
मायावती ने ऐसे में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का रवैया भी जन सहयोग का नहीं बल्कि अपनी पुरानी मित्र व सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ सुर में सुर मिलाने का ही लगता है। उन्होंने प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वर्तमान सपा सरकार की जातिवादी नीतियों और गलत कार्यशैली का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सपा सरकार द्वारा शनिवार को भी प्रदेश में अधकच्चे कार्यों का जो उद्घाटन व लोकार्पण किया गया, उसका उन्हे कोई खास राजनैतिक लाभ मिलने वाला नहीं है।
बसपा मुखिया ने शाहजहांपुर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता, भाजपा के कल्याण सिंह का ऐसा राज नहीं चाहती है, जो खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में, पांच साल से पहले ही यहां अपनी सरकार को गवां बैठे और अपने साथ-साथ जनता को भी मुश्किल में डाल दे।