तलवंडी साबो के गांव बहमण जस्सा सिंह में 29 सितंबर 2007 को हुए चार लोगों के सामूहिक आत्मदाह के मामले में पीडि़त परिवार को 11 साल बाद इंसाफ की आस बंधी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में दो पुलिस इंस्पेक्टरों समेत नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ खुदकशी के लिए मजबूर करने, लापरवाही बरतने व सुबूत खुर्द बुर्द करने की धाराओं के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
जस्टिस महेश ग्रोवर व जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन काउंसिल के चेयरमैन व वकील रंजन लखनपाल की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को यह आदेश दिए हैं। कोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी महिंदरपाल घई (अब सेवा सेवानिवृत्त), एएसआइ अमृतपाल सिंह (अब सीआइए इंचार्ज) एएसआइ गुरजंट सिंह, हेड कांस्टेबल मंदर सिंह व मेजर सिंह, एसपीओ काका सिंह, होमगार्ड जवान अमरीक सिंह व महिंदर सिंह के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस कर्मियों को वहां से भागने की बजाय आग में झुलस रहे लोगों को बचाना चाहिए था।
परिवार का आरोप, पुलिस वालों ने ही जलाया था
29 सितंबर 2007 को गांव के किसान गुरजंट सिंह, उसकी पत्नी जसवीर कौर और दो बेटियों बेअंत कौर व वीरपाल कौर की आग में जलकर मौत हो गई थी, जबकि अन्य दो बेटियां सुखपाल कौर व हरदीप कौर झुलस गई थीं। घटना में जिंदा बचीं दोनों बेटियों ने आरोप लगाया था कि थाना तलवंडी के तत्कालीन प्रभारी महिंदरपाल घई, एएसआइ अमृतपाल सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने उनके घर पर रात को छापेमारी की थी।
उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर जमीन विवाद का पर्चा दर्ज करवाने वाले गांव के गुरतेज सिंह व बूटा सिंह भी पुलिस पार्टी के साथ थे। पुलिस उनके घर की दीवार फांदकर अंदर घुसी और उनका बिजली कनेक्शन काट दिया। पुलिस ने उनके परिवार पर मिट्टी का तेल छिड़ककर उन्हें आग लगा दी थी। इसमें उसके माता-पिता व दो बहनों की मौत हो गई थी। घटना के बाद आरोपित फरार हो गए थे। हालांकि, पुलिस ने तब आत्मदाह का ही केस दर्ज किया था।
पीडि़त परिवार की गुहार, पुलिस वालों से हो वैसा ही सुलूक
घटना को याद में पीडि़त परिवार आज भी सिहर उठता है। हाईकोर्ट ने उनके जख्मों पर कुछ मरहम लगाने का काम किया, तो पीडि़त परिवार को भी 11 साल बाद इंसाफ की आस बंधी है।गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आत्मदाह के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। इस घटना में गुरजंट सिंह समेत उसके परिवार के चार लोगों की जान गई थी।
गुरजंट सिंह की बेटी सुखपाल कौर निवासी भुच्चो मंडी ने कहा कि पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ उनके माता-पिता व बहनों जैसा सलूक होना चाहिए। उस दिन पुलिस वालों ने ही आग लगाई थी। 11 साल पहले हुए इस हत्याकांड का दृश्य आज भी उसकी आंखों के सामने आ जाता है। परिवार में बची उसके समेत तीनों बहनों का उनके रिश्तेदार ने ब्याह किया था, जबकि उनका घर आज तक खाली पड़ा है।
गांव चक्क बख्तू में विवाहित हरदीप कौर ने कहा कि बेशक इस फैसले से उन्हें न्याय की आस बंधी है। मामले में गुरतेज सिंह व बूटा सिंह के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा पुलिस कर्मियों पर भी हत्या की धाराओं के तहत केस दर्ज होना चाहिए। पुलिस कर्मियों ने ही तेल डालकर आग लगाई थी।
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” अभी तक उनके पास अदालत के आदेश नहीं पहुंचे हैं। आदेश पहुंचेंगे तो उस पर अमल किया जाएगा।
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