चेन्नई। एआईएडीएमके पार्टी द्वारा ओ. पनीरसेल्वम को विधायक दल का नया नेता चुन लेने के बाद उन्हें सोमवार रात को ही राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
देर रात 1.15 बजे राजभवन में उन्हें राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उन्होंने प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दो मिनट के मौन के बाद शपथग्रहण की कार्यवाही शुरू की गई।
सोमवार शाम को ही जयललिता की नाजुक हालत को देखते हुए एआईएडीएमके ने सीएम के उत्तराधिकारी पर काम करना शुरू कर दिया था। जयललिता के खिलाफ आए अदालती फैसलों के चलते पन्नीरसेल्वम पहले भी दो बार 2001 और फिर 2014 में सीएम बन चुके थे।
वे जयललिता के सबसे भरोसेमंद नेता रहे। जयललिता की गैरमौजूदगी में वे उनकी फोटो रखकर कैबिनेट मीटिंग लेते थे। बजट स्पीच के वक्त भी उनके हाथ में और उनकी सूटकेस पर जयललिता की फोटो रहती थी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जयललिता के उत्तराधिकारी का चयन करने के लिए पार्टी की आपात बैठक हुई जिसमें सभी विधायकों ने हिस्सा लिया।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि पन्नीरसेल्वम को उत्तराधिकारी घोषित करने के लिए पार्टी विधायकों को सोमवार दोपहर अपोलो हॉस्पिटल बुलाया गया था। यहां उनसे एफिडेविट पर साइन करने को कहा गया था।
अम्मा के 5 दमदार फैसले
तमिलनाडु की सत्ता पर दो दशक से अधिक समय तक राज करने वाली जयललिता ने हमेशा आम आदमी को ध्यान में रखा। उन्होंने ऐसे कई फैसले लिए, जो लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को बुलंदियों पर ले गए। पेट से लैपटॉप तक की जरूरत को उन्होंने साधा और 6 बार मुख्यमंत्री बनीं। एक नजर ऐसे ही कुछ फैसलों पर –
अम्मा उनवगम (मदर कैंटीन) : अम्मा की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ था अम्मा उनवगम का। यह कैंटींस की ऐसी चेन है जिसमें काफी कम कीमत पर लोगों को भोजन मिलता है।
खास बात ये है कि केवल गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि सभी आय वर्ग के लोगों के लिए यह कैंटीन खुली रहती है। इसे अम्मा ने 2013 में शुरू किया था। अभी पूरे तमिलनाडु में इस तरह की 200 कैंटीन हैं। यहां दही-चावल और सांभर-चावल केवल 3 रुपए में मिलता है। दाल के साथ दो रोटी भी इसी कीमत पर खा सकते हैं।
वीरप्पन का एनकाउंटर : वीरप्पन का एनकाउंटर 2004 में जयललिता की सरकार के समय ही किया गया था। यह उनके सरकार की काफी बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद वे लोगों के बीच ऐसी अम्मा बनीं जिन्हें लोग अपनी रक्षक समझने लगे थे।
क्रेडल बेबी स्कीम : जयललिता ने 1992 में क्रेडल बेबी स्कीम लॉन्च की थी। इसे कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए आरंभ किया गया था। क्रेडल बेबी सेंटर्स में लोग अपने नवजात बच्चियों को छोड़कर जा सकते थे। यह स्कीम काफी लोकप्रिय रही और लोगों ने इसे अम्मा का वरदान समझा।
हर वर्ग को सौगात : वे हर बार चुनावों से पहले लोगों को फ्री सामान बांटा करती थीं। इस बार के इलेक्शन में भी एआईडीएमके ने हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था। साथ ही 11वीं व 12वीं के छात्रों को फ्री लैपटॉप बांटने के साथ इंटरनेट और हर घर को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की थी।
अम्मा का नमक : बिना नमक हमारा खाना पूरा नहीं होता। इस मूलभूत आवश्यकता को समझकर अम्मा ने कम कीमत पर नमक बेचने का फैसला लिया। इसका निर्माण तमिलनाडु साल्ट कॉरपोरेशन करता है। इसे बाजार में बिक रहे अन्य नमक की तुलना में सस्ता बेचा जाता है।