पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चेताया कि यदि बोलतबंद पानी बेचने वाली कंपनियों ने पानी की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया तो इन कंपनियों को बंद कर दिया जाएगा. दरअसल, पाकिस्तान ने एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ संयंत्रों के पास पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेषज्ञ या प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं हैं.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, चीफ जस्टिस साकिब निसार, न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति फैसल अरबाब की पीठ ने बोतलबंद पानी के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए जल आयोग की ओर से दायर रिपोर्ट पर निराशा व्यक्त की है.
रिपोर्ट का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि कुछ कंपनियों के पास पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेषज्ञ और प्रशिक्षत कर्मचारी नहीं हैं, वहीं कुछ अन्य संयंत्रों के पास पर्यावरण संबंधी जरूरी मंजूरी नहीं हैं.
चीफ जस्टिस ने कहा, ‘‘आयोग की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद, मैं बोतलबंद पानी की कंपनियों पर ताला लगा देना चाहता हूं. जो कंपनियां पानी चुरा रही हैं उन्हें मुआवजा देना होगा.’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कंपनियों ने अपने कामकाज में सुधार नहीं किया तो शीर्ष अदालत के पास उन्हें बंद करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘यदि इन कंपनियों को बंद कर दिया जाए तो कोई प्यास से नहीं मरेगा.’’
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