नई दिल्ली। गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़ों को सरकारी शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को खारिज करने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से ईडब्लूएस कोटे के अंतर्गत कोई भी नया दाखिला नहीं करने को कहा है। मामले की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
गुजरात सरकार ने 01 मई को आर्थिक रूप से पिछड़ों को सरकारी शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबधि एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी जिसपर गुजरात हाई कोर्ट ने कोटे को अनुचित और असंवैधानिक करार देते हुए 04 अगस्त को रोक लगा दी थ।
गुजरात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी. एम. पंचोली की खंडपीठ ने एक मई को जारी अध्यादेश को ‘अनुपयुक्त और असंवैधानिक’ बताते हुए कहा था कि सरकार के दावे के मुताबिक इस तरह का आरक्षण कोई वर्गीकरण नहीं है बल्कि वास्तव में आरक्षण है। अदालत ने यह भी कहा कि अनारक्षित श्रेणी में गरीबों के लिए दस फीसदी का आरक्षण देने से कुल आरक्षण 50 फीसदी के पार हो जाता है जिसकी उच्चतम न्यायालय के पूर्व के निर्णय के तहत अनुमति नहीं है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत का रूख किया था।
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