उदयपुर। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने गुजरात में पटेल-पाटीदार आंदोलन के समन्वयक हार्दिक पटेल के वकीलों के तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि उसे यहां बनाए अस्थायी आवास से बाहर बिना अनुमति निकलने नहीं दिया जाएगा। जबकि हार्दिक के वकीलों ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के जमानत आर्डर की परिभाषा पुलिस अधिकारियों को समझानी चाही और स्पष्ट किया कि वह गुजरात के अलावा कहीं भी स्वतंत्र रूप से आ-जा सकते हैं, लेकिन पुलिस मनमानी कर रही है। ऐसे में वह उदयपुर पुलिस महानिरीक्षक सहित उन सभी तमात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341 एवं 342 के तहत मुकदमा दर्ज करवाएंगे, जो हार्दिक को जबरन बंधक बनाते हुए उनकी स्वतंत्रता में बाधक बने हुए हैं।
इससे पहले हार्दिक पटेल के वकील रफीक खण्डेलवाल तथा दिलीप पटेल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की तथा हाईकोर्ट के आदेश की व्याख्या समझाने का प्रयास किया। हार्दिक वकीलों का तर्क था कि हाईकोर्ट के आदेश में हार्दिक के गुजरात में प्रवेश पर रोक है। उसके अलावा उन पर कोई बंदिश नहीं है। जबकि एएसपी सुधीर जोशी ने उनको जबाव दिया कि हार्दिक यह मकान नहीं छोड़ सकता। उसे मकान छोडऩे से पहले पुलिस की अनुमति लेनी होगी और अनुमति के मिलने के बाद ही उसे बाहर जाने दिया जाएगा। यहां तक हार्दिक के अस्थायी आवास के बाद अस्थायी पुलिस चौकी लगा दी गई तथा सीसीटीवी कैमरे लगाकर उस पर निगरानी रखी जा रही है। हार्दिक से मिलने वाले लोगों का भी रिकार्ड रखा जा रहा है। नाम-पते के साथ मिलने वाला का मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जा रहा है।