बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री प्रीति जिंटा और उद्योगपति नेस वाडिया को 2014 के एक मामले को ‘रफा-दफा’ करने का सुझाव दिया है. जिंटा ने 2014 में वाडिया के खिलाफ कथित रुप से शील भंग करने का मामला दर्ज कराया था. न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ इस मामले को खारिज करने की वाडिया की अर्जी पर सुनवाई कर रही है. जिंटा के वकील ने अदालत से कहा कि अभिनेत्री मामले को सुलझाने को तैयार है बशर्ते वाडिया माफी मांगने के लिए तैयार हों. वैसे भी उनकी मुवक्किल लिखित माफीनामे पर जोर दे नहीं रही हैं.
इस पर वाडिया के वकील अबाद पोंडा ने कहा, ‘‘हम विवाद को खत्म करना चाहते हैं लेकिन मेरे मुवक्किल माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं. शिकायतकर्ता माफी मंगवाकर मीडिया का ध्यान आकृष्ट करना चाहती हैं.’’ इस पर न्यायमूर्ति मोरे ने कहा, ‘‘अब (आपलोग) मामला आपस में रफा-दफा कर लें.’’ पीठ ने वाडिया और जिंटा को 9 अक्तूबर को पेश होने का निर्देश दिया.
कथित घटना 30 मई, 2014 को इंडियन प्रीमियर लीग मैच के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में हुई थी. दोनों ही किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल टीम के सह मालिक हैं. शिकायत के अनुसार वाडिया टिकट वितरण को लेकर टीम के स्टाफ को गाली दे रहे थे. उस समय उनकी टीम जीत रही थी और जिंटा ने वाडिया से शांत होने को कहा. इस पर उन्होंने जिंटा को भी गाली दी और उनका हाथ पकड़ा . कथित रुप से उनसे छेड़छाड़ की. इस साल फरवरी में पुलिस ने वाडिया के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. लेकिन वाडिया उसे खारिज करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय पहुंच गये.