लखनऊ/मेरठ। यूपी मिशन 2017 से पहले भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन पढ़ाने का काम शुरू किया है। इसके लिए सभी जिलों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रशिक्षण महाभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में भाजपाइयों को पार्टी के इतिहास के साथ-साथ एकात्म मानववाद, मीडिया प्रबंधन, सोशल मीडिया के प्रयोग आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भाजपा की निगाह इस समय अपने कार्यकर्ताओं को सीधे जनता की समस्याओं से जोड़ने पर लगी है। इसके लिए आम आदमी की बात करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रशिक्षण महाभियान शुरू किया गया है। जिसमें प्रत्येक जिले में कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है।
उत्तरप्रदेश में प्रशिक्षण प्रभारी व पार्टी के महामंत्री अशोक कटारिया ने बताया कि कार्यकर्ताओं में संगठनात्मक भाव, उनके व्यक्तित्व विकास, पार्टी का विचार, पार्टी की कार्यपद्धति, संगठनात्मक ढांचा, जनता के प्रति हमारी भूमिका समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह विशुद्ध संगठन का प्रशिक्षण है। इसका ध्येय कार्यकर्ताओं का कौशल विकास करना है। बताया कि पार्टी के सभी 92 जिलों में प्रशिक्षण की तिथि तय है। यह प्रशिक्षण 23 जुलाई से 31 जुलाई के बीच सम्पन्न होगा।
भाजपा के लखनऊ महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान के प्रभारी पी. मुरलीधर राव बनाए गए हैं। इस प्रशिक्षण के तहत पार्टी ने दस विन्दु तय किया है। लखनऊ महानगर का दो दिवसीय प्रशिक्षण पारा स्थित एक मैरिज लाॅन में चल रहा है जिसका समापन रविवार को सायं 5 बजे होगा। मेरठ भाजपा के महानगर अध्यक्ष करूणेश नंदन गर्ग ने बताया कि इस अभियान के दौरान कार्यकर्ताओं को भाजपा का इतिहास एवं विकास, सैद्धांतिक अधिष्ठान, हमारा विचार परिवार, कार्यपद्धति, एकात्म मानववाद, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, कार्यकर्ता व्यक्तित्व विकास की जानकारी जा रही है। इसके अलावा कार्यकर्ताओं को मीडिया प्रबंधन ठीक करने, राजनीतिक कार्यों में सोशल मीडिया का प्रयोग करने की बारीकियां सिखाई जा रही है। देश के समक्ष चुनौतियों के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया जा रहा है। दो दिनों के इस प्रशिक्षण अभियान में इन विषयों के विशेषज्ञ आकर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं को आम जनता के सीधे संपर्क में आकर उनकी समस्याओं का समाधान कराना है।
कार्यकर्ताओं को जनसंघ के समय से लेकर वर्तमान भाजपा के सफर को बताया जा रहा है। सोशल मीडिया को पूरी तरह से अपनी नीतियों के प्रचार के लिए प्रयोग करने की सीख भी भाजपाइयों को सिखाई जा रही है।