भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (14 दिसंबर) अहम फैसला सुनाया. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई की. राफेल सौदे के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. इस फैसले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल सौदे की जांच में किसी समिति की जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट को फैसले के बाद उन्होंने कहा राफेल सौदे की जांच में किसी समिति की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि शुरूआत से ही पूरे मामले पर तस्वीर साफ थी. कांग्रेस का तरफ से लगाए गए, सभी आरोप आधारहीन थे. विपक्ष राजनीतिक फायदे के लिए ये आरोप लगाए जा रहे थे. आपको बता दें कि राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसदा दिया. सीजेआई रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा है कि इस सौदे की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट को कोई भी गड़बड़ी नहीं मिली है. इसलिए इसकी एसआईटी जांच नहीं होगी.
सीजेआई ने कहा कि राफेल विमान सौदे में कीमतों की जांच सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है. हम कुछ लोगों की धारणा के आधार पर फैसला नहीं दे सकते हैं. राफेल सौदे में कोई धांधली या अनियमितता नहीं है. राफेल विमान की गुणवत्ता पर कोई शक नहीं है. देश को अच्छे विमानों की जरूरत है तो राफेल डील पर सवाल क्यों ? आपको बता दें कि राफेल मामले में दो वकील एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी.
एनडीए सरकार पर राफेल सौदे को लेकर विपक्षियों ने आरोप लगाया कि हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार जब 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी तो उसने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था. सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाए हैं.