नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारत और बांग्लादेश के समान इतिहास एवं ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष के रिश्ते को याद करते हुए कहा कि दोनों देशों के लोग ‘‘साथ चलें और मिलकर काम करें।”
राष्ट्रपति भवन में मुखर्जी ने एक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत भारत के दौरे पर आए एक बांग्लादेशी युवा प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि इस आदान प्रदान कार्यक्रम से जो प्रेम, स्नेह एवं समझ की भावना शुरु होगी।
दोनों देशों के बीच एकीकरण का एक पुल तैयार होगा। राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता के अनुसार उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोग साथ चलें और मिलकर काम करें।
मुखर्जी ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए बांग्लादेश की अपनी कई यात्राओं को याद किया। मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद बांग्लादेश वह पहला देश था, जिसकी उन्होंने यात्रा और उन्होंने 2013 में हुए अपने इस दौरे को याद किया । उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक जैसा इतिहास, संस्कृति और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष साझा करते हैं।
मुखर्जी ने इस पहल के लिए खेल मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आदान प्रदान से दोनों देशों के लोगों को एक दूसरे को और करीब से जानने में तथा अपने विचारों, मान्यताओं एवं आस्थाओं को साझा करने में मदद मिलती है। दोनों देशों के बीच 2012 से इस तरह का आदान प्रदान हो रहा है। इस दौरान खेल मंत्री विजय गोयल भी मौजूद थे।
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