जिनेवा । बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती भारत में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन करेंगे। बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के अध्यक्ष बुगती ने सोमवार को बताया कि वह जल्द ही आवेदन से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करेंगे। बुगती पाकिस्तान के खिलाफ बलूच आंदोलन में अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं। ब्रह्मदाग बुगती के दादा अकबर खान बुगती राष्ट्रवादी नेता थे। वह बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग देश बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अगस्त 2006 में पाकिस्तानी सेना ने बुगती और उनके कई सहयोगियों की हत्या कर दी थी। बीआरपी अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में बतायाा, हमने भारत सरकार के समक्ष जल्द ही शरण दस्तावेज दायर करने का फैसला किया है। हम आवेदन की कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। बुगती ने कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने पाकिस्तानी सेना के जनरलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत से संपर्क करने का भी फैसला किया है। इसके अलावा वह चीन के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत का रुख करेंगे। इसके लिए उनकी पार्टी भारत, अफगानिस्तन और बांग्लादेश से संपर्क करने की तैयारी में है। दादा के मारे जाने के बाद ब्रह्मदाग अफगानिस्तान चले गए। वहां आतंकियों ने उन्हें कई बार मारने की कोशिश की। 2008 में उन्होंने बलूच रिपब्लिकन पार्टी की स्थापना की और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा की जा रही बर्बरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन का विरोध शुरू किया। 2010 में वह स्विट्जरलैंड चले गए और परिवार के साथ वहीं रह रहे हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने पर बुगती ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया था।
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