सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में कड़ा रूख दिखाते हुए बिहार सरकार और सीबीआइ को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और सीबीआइ से पूछा है कि अबतक पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है
कोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा है कि ये घटना इतनी डरावनी और भयावह है, सरकार इस घटना के बाद क्या कर रही है?
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में घटना की जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। सीबीआई ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में माना है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौनशोषण हुआ था।
कोर्ट ने सीबीआइ द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट को पढ़कर कहा कि मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में घटी ये घटना दर्दनाक और भयावह है और साथ ही आश्चर्यचकित करने वाली है। घटना का मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर बहुत प्रभावशाली व्यक्ति प्रतीत होता है और जांच में बाधा डाल रहा है। तो एेसे में उसे बिहार के जेल में ही रखा गया। उसे बिहार के बाहर किसी जेल में क्यों नहीं शिफ्ट किया गया?
मामले में कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों ना आपको बिहार के बाहर के जेल में रखा जाए? इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
टिस की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा, 40 लड़कियों का हुआ था यौनशोषण
बता दें कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में करीब 40 लड़कियों के साथ हुई यौनशोषण की घटना का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया था। इस घटना का खुलासा टिस की रिपोर्ट से हुआ था जिसमें कहा गया था कि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों का यौनशोषण किया जाता था और मना करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी।
घटना का खुलासा होने के बाद बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। ब्रजेश ठाकुर रसूख वाला व्यक्ति है और उसके साथ पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा की भी संलिप्तता सामने आई थी, जिसके बाद चंदेश्वर वर्मा फरार हैं। इसके बाद मंत्री मंजू वर्मा को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
दस लोगों को किया गया है गिरफ्तार
मामले का खुलासा होने के बाद पता चला कि शेल्टर होम चलाने के बदले बिहार सरकार से ब्रजेश ठाकुर अवैध तरीके से करोड़ों रुपए लेता था। इस कांड में बिहार सरकार के मंत्री से लेकर अधिकारी तक की संलिप्तता की बात कही गई थी। इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने अब तक दस से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है