लखनऊ । उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि मेरे निर्णय से किसी को दुख तो किसी को लाभ भी होता है। उन्होंने सपा नेता संजय सेठ की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे विधानपरिषद सदस्य के रुप में नामित नहीं हुए। अब वे राज्यसभा के सांसद तथा सपा पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं। वैसा निर्णय नहीं लेता तो उन्हें इतना अधिक लाभ नहीं होता। वे अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर गुरुवार को राजभवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। कैबिनेट मंत्री आजम खां के एक बयान के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि अगर उन्हें राजभवन से डर लगता है तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उन्हें सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के बाहर सुरक्षा चाहिए तो मुझसे कहें मैं गृहमंत्री, भारत सरकार से बात कर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराऊँगा।
चरैवेति-चरैवेति का चार भाषा में होगा अनुवाद-
रामनाईक ने कहा कि लोकहित में अपनी पुस्तक ‘‘चरैवेति-चरैवेति का चार भाषा में भाषान्तर कराने का निर्णय लिया है। हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी और उर्दू भाषा में इसका अनुवाद हो रहा है।
30 जुलाई को होगा कुलपति सम्मेलन-
उन्होंने कहा कि पहले कुलपतियों का सम्मेलन राजभवन में ही होता था। इस बैठक को प्रदेश के भीतर अन्य जगहों पर कराने की नींव डाली है। कुलपतियों की अगली बैठक 30 जुलाई को झाँसी में होगी। इसमें शैक्षणिक सत्र, पाठ्यक्रम की गुणवत्ता, परीक्षा परिणाम समेत कई विन्दुओं पर चर्चा होगी। राज्यपाल ने कहा कि पहले कुलपति किसी से मिलते नहीं थे। मैंने कहा कि सप्ताह में किसी एक दिन बाहर के बोर्ड पर मिलने का समय अंकित करें और छात्रों, कर्मचारियां तथा अध्यापकों की बातों को सुनें।
ऐसी टिप्पणी निंदनीय-
रामनाईक ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की टिप्पणी को अशोभनीय बताते हुए कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग किसी को नहीं करना चाहिए। मैं इसकी निंदा करता हूँ।