लखनऊ। मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के सीमान्त व लघु किसानों का कर्ज माफ किए जाने का फैसला लिया जाएगा।
किसानों के कर्जमाफी के बारे में शासन स्तर पर पूरी कवायद की जा चुकी है। अब केवल कर्जमाफी के फैसले के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जाना ही शेष है।
किसानों के कर्जमाफी से राज्य सरकार पर लगभग 66 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व का भार आएगा। इस अतिरिक्त व्यय के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में बैंकों की राशि माफी की भरपाई करने के लिए वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने व अन्य विकल्पों पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा बैठक में कई अन्य अहम फैसले लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पार्टी संकल्प पत्र के अनुसार राज्य में पूर्वाचल विकास बोर्ड और बुन्देलखंड बोर्ड के गठन करने के फैसले के साथ ही प्रदेश के गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान, बुन्देलखंड में पेयजल की स्थिति सुधारने के लिए अतिरिक्त राशि को अवमुक्त करने, गेंहू खरीद के लिए धन की मंजूरी समेत भाजपा संकल्प पत्र में वरीयता के आधार पर लिए जाने वाले फैसलों के बारे में विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश के किसानों के कर्जमाफी के बारे में कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों का कर्ज केवल सरकारी बैंकों, सरकारी बैकों तथा अन्य सरकारी बैकों से लिए गए खेती के ऋण को ही माफ किया जाएगा। कर्जमाफी में साहूकारों से लिए गए कर्ज को माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया कि कर्जमाफी की राशि को प्रदेश सरकार बैकों को अपने संसाधनों से भरपाई करेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 83 लाख सीमान्त किसान हैं और 32 लाख लघु किसान हैं। दूसरी ओर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने भी कहा कि वादों को पूरा करने के लिए भाजपा सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों ने पिछले कुछ सालों में बुरा वक्त देखा है। कल कैबिनेट के सामने हम प्रस्ताव रखेंगे। कैबिनेट के सुझाव से विकल्पों पर निर्णय लिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के वादे के मुताबिक कर्जमाफी का फायदा सीमान्त और लघु किसानों को मिलेगा। किसानों पर करीब 66 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने भी स्थिति साफ करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने हमें सहायता देने से इनकार कर दिया है। हम अपने संसाधनों से किसानों की मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोई घोषणा पत्र नहीं बल्कि संकल्प पत्र जनता के सामने पेश किया था। हम केवल वादा नहीं करते, उसे पूरा करने में यकीन रखते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान जनसभाओं में कहा था कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्जमाफी का ऐलान होना। प्रधानमंत्री ने कहा था वह स्वयं इस दिशा में पहल करेंगे। राज्य के किसानों के कर्जमाफी के लिए सरकार अपने संसाधनों के आधार पर वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने की आवश्यकता पड़ी तो लेगी।