प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच औद्यौगिक संबंध बनाने पर जोर दिया, साथ ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को परमाणु आपूतिकर्ता समूह (एनएसजी) में सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। मोदी ने जुमा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा, “उद्योग के साथ उद्योग का संबंध बढ़ने से आर्थिक लाभ होगा और हमारी साझेदारी को नया आकार मिलेगा। साथ ही हमें एक मजबूत क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका निभाने में मदद मिलेगी।”मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों से दोनों देशों के बीच संबंधों में मजबूत प्रगति हुई है और ठोस उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों में दोतरफा व्यापार में 300 फीसदी की वृद्धि हुई है। भारतीय कंपनियों के दक्षिण अफ्रीका में मजबूत व्यापारिक हित हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अफ्रीका में भारत द्वारा किए गए निवेश का एक-चौथाई हिस्सा दक्षिण अफ्रीका में किया गया है।उन्होंने कहा, “और यहां हमारे व्यापार और निवेश संबंधों में विस्तार की जरूरत है, खासतौर से खनिज और खनन, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में, उच्च प्रौद्यौगिकी विनिर्माण तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में।” मोदी ने कहा कि दोनों ही देश विकासशील देश हैं। इसलिए दोनों ही देशों को मानव पूंजी में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें व्यावसायिक, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में एक-दूसरे की जरूरत है और हम एक-दूसरे के पूरक हैं। इससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।”“भारत दक्षिण अफ्रीका में छोटे और मध्यम व्यापार के विकास के लिए अपनी विशेषज्ञता और क्षमता को साझा करने के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश रक्षा क्षेत्र में सहयोगी बन सकते हैं। उन्होंने कहा, “दोनों देश उद्योग के स्तर पर और हमारी सामरिक और सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर सहयोगी हो सकते हैं। भारत में इस क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव देखा गया है।”मोदी ने कहा कि शुक्रवार को हुई बातचीत में उन्होंने और जुमा ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और उभरती वैश्विक चुनौतियों के बीच अधिक निकटता से काम करने की जरूरत पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति का परमाणु आपूतिकर्ता समूह में भारत की भागीदारी को लेकर दक्षिण अफ्रीका द्वारा दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं।” उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन साझा चिंतन का एक और मुद्दा है। “हम जानते हैं कि हम अपने दक्षिण अफ्रीका जैसे दोस्तों के सक्रिय समर्थन पर भरोसा कर सकते हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की कंपनियों को मिलकर रक्षा उपकरणों और प्लेटफार्म विकसित करना चाहिए तथा निर्माण करना चाहिए। मोदी ने इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की दावेदारी को दिए गए समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश “हमारे देश में और दुनिया में सक्रिय रूप से आतंकवाद से निपटने में सहयोग करेंगे।” उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन का चेयरमैन बनने पर बधाई दी और कहा कि यह हिंद महासागर से जुड़े समुद्री पड़ोसियों को जोड़ने के एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है।वहीं, निजी तौर पर मोदी ने कहा कि इस दौरे से उन्हें दो महान आत्माओं महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति जुमा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में 100 से ज्यादा भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं और वे देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा, “हम दक्षिण अफ्रीका से भारत को किए जानेवाले निर्यात में विविधता लाने की तैयारी कर रहे हैं।”