लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी में चल रहे साइमेक्स शो में अब आप को दीर्घाकर प्रारूप वाली नई फ़िल्म एड्रनेलिन रश – द साइंस ऑफ़ रिस्क का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। आप की जनकारी के लिए बता दें कि ये सुविधा पूरे प्रदेश में केवल अपने शहर में मौजूद है। यंहा फ़िल्म देखने का अपना ही मज़ा होता है। विद्यार्थियों को इस सुविधा का भरपूर लाभ उठाना चाहिए।वर्तमान फ़िल्म एड्रनेलिन रश-द साइंस ऑफ़ रिस्क वृतचित्र विमान से कलाईयां मारने की कला व बेस जंपिंग अर्थात किसी ऊंचे भवन, पुल या चट्टान से कुदने की कला का अन्वेषण करता है। विमान से कुदने के विस्मयकारी दृश्यों से भरपूर, विशालकाय पर्दे पर दिखाया जाने वाला यह रोमांचकारी वृतचित्र खतरों से खेलने में शामिल मनोवैज्ञानिक आैर शारीरिक बलों व इन गतिविधियों में सम्मलित भौतिक विज्ञान का अन्वेषण करता है। एड्रनेलिन रश – द साइंस ऑफ़ रिस्क वृतचित्र दर्शकों को नॉर्वे की प्रख्यात चट्टान कत्थाम्मरेन दीवार से 1300 मीटर की ऊंचाई वाली कूद परोक्ष अनुभव लेने का अवसर भी प्रदान करती है। फ़िल्म के दृश्यों को देखने के बाद निश्चय ही आपका दिल एक बार एक क्षण के लिए धड़कना बन्द कर देगा।एड्रनेलिन रश – द साइंस ऑफ़ रिस्क हमें यह भी शिक्षा देती है कि पुराने व नए विश्व की सीमाओं पर 5 सदियों के अंतराल पर जन्मे दो खतरों के खिलाड़ियों की सोचों से मानवता किस प्रकार लाभान्वित हुई है। इस फ़िल्म में सन 1485 में लिओनार्डो द विंसी द्वारा अभिकल्पित विश्व के पहले पैरासूट को कार्यान्वित मॉडल में परिवर्तित करने के प्रयोग को दर्शाया गया है, जिसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ आकाश से कलाइयां मारने वाले व अपने आप में एक आविष्कारक अड्रीयन निकोलस द्वारा अंजाम दिया गया। इसे वैज्ञानिकों ने जीवन के पैरामीटरों को ढूंढने हेतु विशेष अध्ययन किया। संयोग से यह फ़िल्म वैज्ञानिक सिद्धांतों को सरल शब्दों में बताने में सक्षम है।