वाराणसी। लोक निर्माण विभाग (PWD वाराणसी ट्रांसफर) में इन दिनों भारी असंतोष और प्रशासनिक उलझनों का माहौल है। मुख्य अभियंता अभिनेश कुमार की अगुवाई में विभाग की ट्रांसफर नीति पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग में पारदर्शिता और समानता के सिद्धांतों की अनदेखी कर सिर्फ कुछ कर्मठ और ईमानदार कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है। दूसरी ओर वर्षों से मलाईदार पदों पर जमे रसूखदारों को संरक्षित किया जा रहा है।
PWD के CD1 खंड में हाल ही में कई ट्रांसफर किए गए, जिसमें कनिष्ठ सहायक आनंद पांडे जैसे कर्मठ कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्हें विभागीय फाइलिंग और प्रशासनिक दक्षता के लिए जाना जाता है, बावजूद इसके उन पर जबरन ट्रांसफर का दबाव डाला गया। कर्मचारियों का कहना है कि यह आदेश किसी पारदर्शी नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि चुनिंदा कर्मचारियों को निशाना बनाने की साजिश है।
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दूसरी ओर CD1 और PD1 खंड में वर्षों से जमे कुछ कर्मचारी जैसे अरुण कुमार प्रेमी, विकास श्रीवास्तव, सुभाष सिंह, शशांक रंजन और अखिलेश कुशवाह पर ट्रांसफर नीति लागू करने की कोई मंशा नहीं दिख रही। इस दोहरे रवैए से विभाग में गहरी नाराजगी है।
मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब CD1 के एक बड़े टेंडर को बिना स्पष्ट प्रक्रिया के PD खंड को दे दिया गया। इससे कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद आनन-फानन में ट्रांसफर आदेश जारी किए गए। कर्मचारी इसे ‘बदले की कार्रवाई’ बता रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि मुख्य अभियंता किसी भी असहमति को बर्दाश्त नहीं करते।
PWD कर्मचारी संघ ने स्पष्ट रूप से इस ट्रांसफर नीति की आलोचना करते हुए निष्पक्षता की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर आनंद पांडे जैसे मेहनती कर्मचारियों पर अन्याय हुआ, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है।
मुख्य अभियंता के इस रवैए से विभाग में भय और अनिश्चितता का माहौल बन गया है। कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है और वाराणसी जैसे ऐतिहासिक शहर में विकास कार्यों की गति पर भी असर पड़ने की आशंका है।
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